जिग्नेश मेवाणी का आरोप पीएमओ के कहने रची गयी गिरफ्तारी की साजिश

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जिग्नेश मेवाणी का आरोप पीएमओ के कहने रची गयी गिरफ्तारी की साजिश

| Updated: May 2, 2022 14:47

जिग्नेश ने अपनी बात रखते हुए कहा कि कोर्ट ने कहा कि मुझ पर किसी तरह का मुकदमा बनता ही नहीं. जिग्नेश ने पूछा कि आखिर मैंने ट्वीट कर के कौन सा गुनाह किया. एक महिला को आगे कर दूसरी एफआईआर की गई. यहां तक कि मैंने तो अपने ट्वीट में सिर्फ शांति बहाली की बात की. लेकिन जो हुआ वो जगजाहिर है.

  • 1 जून को गुजरात बंद का किया ऐलान

गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी ने असम पुलिस की तरफ से अपनी गिरफ्तारी मामले में अब केंद्र सरकार पर हमला बोला है. महिला पुलिसकर्मी से छेड़छाड़ के मामले में भी अदालती आदेश के बाद जिग्नेश मेवाणी जेल से बाहर आ गए हैं. जिग्नेश ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएमओ में बैठे कुछ भक्तों के द्वारा मेरे ऊपर FIR की गई.
मेवाणी ने कहा कि ये है 56 इंच की कायरता, ये है 56 इंच की बुजदिली (यह 56 इंच की कायरता है), जो मेरे खिलाफ अधिकारियों ने एक महिला का इस्तेमाल फर्जी मामला दर्ज करने के लिए किया.सवाल यह है कि असम की सरकार को अचानक क्या हुआ कि 2500 किलोमीटर दूर बैठे गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी के खिलाफ FIR करे?

एआईसीसी में पत्रकार परिषद सम्बोधित करते हुए निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने कहा की असम पुलिस क्या कर रही है? किसके कहने पर कर रही है? इतना फर्जीवाड़ा करने में प्रधानमंत्री को क्या रुचि है?

इतने मनगढ़ंत मामले करके 2500 किलोमीटर दूर एक व्यक्ति को जेल में डालकर इस देश के लोकतंत्र को, भाजपा को क्या हासिल होगा?

ज्यूडिशरी ने उनको कहा कि आपकी कस्टडी में कोई आरोपी है और आपको “दूध का दूध और पानी का पानी” करना है तो अपने बदन पर सीसीटीवी कैमरा लगाइए। इससे शर्मनाक क्या हो सकता है।

निर्दलीय विधायक मेवाणी ने कहा मेरा यह आरोप है कि ये प्राइम मिनिस्टर ऑफ इंडिया के ऑफिस से डिजाइन किया हुआ षडयंत्र है इन सारे मामलों में यह सरकार कुछ नहीं कर रही है और एक ट्वीट करने पर इतना हल्ला, आधी रात को गिरफ़्तारी, मानो किसी आतंकवादी को आप गिरफ्तार कर रहे हो।

मैं मानता हूं कि यह माहौल देश और लोकतंत्र के लिए बहुत खतरनाक है

मेवाणी ने ने प्रेस कांफ्रेस में कहा कि गुजरात में पेपर लीक, बड़ी ड्रग्स की बरामदगी आदि के मामले में कोई जाँच नहीं हुई, पूछताछ नहीं. एक महिला बीजेपी मंत्री पर बलात्कार का आरोप लगाती है पर कोई FIR नहीं, लेकिन मुझ पर एक ट्वीट पर मेरे ख़िलाफ़ FIR और गिरफ़्तारी- ये क्या बताया है. गोडसे का भक्त कहने पर अगर मिर्ची लगी है तो लाल क़िले पर चढ़ कर एक बार गोडसे मुर्दाबाद के वे नारे लगा दें.

कोर्ट ने कहा कि मुझ पर किसी तरह का मुकदमा बनता ही नहीं

जिग्नेश ने अपनी बात रखते हुए कहा कि कोर्ट ने कहा कि मुझ पर किसी तरह का मुकदमा बनता ही नहीं. जिग्नेश ने पूछा कि आखिर मैंने ट्वीट कर के कौन सा गुनाह किया. एक महिला को आगे कर दूसरी एफआईआर की गई. यहां तक कि मैंने तो अपने ट्वीट में सिर्फ शांति बहाली की बात की. लेकिन जो हुआ वो जगजाहिर है.

असम के बारपेटा जिले की एक अदालत द्वारा एक पुलिसकर्मी पर कथित हमले के मामले में गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी को अदालत से जमानत मिल गई थी. जिसके बाद उन पर महिला पुलिसकर्मी से छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया. बाद में इस मामले में भी मेवाणी को कोर्ट से जमानत मिल गई. अब इस मामले पर जिग्नेश ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि उनके खिलाफ साजिश रची गई थी.

एक के बाद एक दो गिरफ्तारियों के बाद, आखिर असम कोर्ट ने जिग्नेश मेवाणी को दी जमानत

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