रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड — उत्तराखंड में केदारनाथ से गुप्तकाशी लौट रहे एक हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से सात लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों में छह तीर्थयात्री और एक पायलट शामिल हैं। आर्यन एविएशन का यह हेलिकॉप्टर गहरी घाटी और जंगल के बीच गौरीकुंड और सोनप्रयाग के बीच सुबह लगभग 5:20 बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (UCADA) के अनुसार, हेलिकॉप्टर में पांच वयस्क, एक 23 महीने की बच्ची और एक पायलट सवार थे। दुर्घटना के बाद सभी शव बुरी तरह जल चुके थे।
दुर्घटना के समय मौसम खराब हो गया था। पायलट कैप्टन राजबीर सिंह चौहान (उम्र 39, निवासी जयपुर) ने हेलिकॉप्टर को घाटी से बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन विमान क्रैश हो गया।
जिला पर्यटन विकास कार्यालय के राहुल चौबे ने कहा, “वापसी के दौरान मौसम खराब हो गया था। पायलट ने हेलिकॉप्टर को घाटी से बाहर ले जाने का प्रयास किया, लेकिन दुर्घटना हो गई। राहत और बचाव कार्यों के लिए NDRF और SDRF की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं।”
मृतकों में बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) के कर्मचारी विक्रम रावत (निवासी उखीमठ, उत्तराखंड) भी शामिल थे।
महाराष्ट्र के यवतमाल जिले से राजकुमार सुरेश जायसवाल, उनकी पत्नी श्रद्धा जायसवाल और 23 महीने की बेटी काशी जायसवाल की मौत हुई। उनका बेटा विवान, जो अपने दादा के साथ रुका था, इस हादसे में बच गया।
अन्य मृतकों में उत्तर प्रदेश की 66 वर्षीय विनोद देवी और 19 वर्षीय तृष्टि सिंह शामिल हैं।
स्थानीय लोग जो अपने मवेशियों के लिए चारा इकट्ठा कर रहे थे, उन्होंने हादसे की सूचना अधिकारियों को दी। सुबह 7 बजे तक NDRF और SDRF की टीमें गौरीकुंड पहुंच गईं और वहां से पैदल दुर्घटनास्थल तक पहुंचकर सुबह 8:55 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। सभी शव बरामद कर लिए गए हैं।
आईजी राजीव स्वरूप ने बताया कि शवों की पहचान मुश्किल होने के कारण डीएनए टेस्ट के बाद ही परिजनों को सौंपा जाएगा।
नेताओं ने जताया दुख
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर घटना को “बेहद दुखद” बताते हुए लिखा कि राहत-बचाव कार्य जारी है और SDRF, स्थानीय प्रशासन और अन्य टीमें मौके पर जुटी हुई हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी हादसे पर शोक जताया। उन्होंने X पर पोस्ट कर कहा, “आज सुबह उत्तराखंड के केदारनाथ-गौरीकुंड-गुप्तकाशी क्षेत्र से एक और नागरिक उड्डयन त्रासदी की खबर आई है। हेलिकॉप्टर में सात लोग सवार थे, जिनमें एक बच्चा और पायलट भी शामिल थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हादसा भयावह था। मेरी प्रार्थनाएं सभी यात्रियों के लिए हैं।”
चारधाम में हेलिकॉप्टर सेवाओं पर उठे सवाल
यह हादसा मई में केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने के बाद से पांचवीं हेलिकॉप्टर दुर्घटना है। इन घटनाओं में अब तक 13 लोगों की जान जा चुकी है।
7 जून को एक अन्य हेलिकॉप्टर को तकनीकी खराबी के कारण हाईवे पर आपात लैंडिंग करनी पड़ी थी। उसका टेल रोटर एक खड़ी कार से टकरा गया था। हालांकि उसमें सभी यात्री सुरक्षित रहे और पायलट को मामूली चोटें आई थीं।
सीएम धामी का सख्त रुख, हेलिकॉप्टर सेवाओं पर बनेगा सख्त SOP
दुर्घटना के बाद मुख्यमंत्री धामी ने हेलिकॉप्टर संचालन के लिए सख्त स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) बनाने के निर्देश दिए हैं।
समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा, “राज्य में हेलिकॉप्टर सेवाओं के संचालन के लिए ऐसा SOP बनाया जाए, जिसमें उड़ान से पहले मौसम की सटीक जानकारी लेना और हेलिकॉप्टर की तकनीकी स्थिति की पूरी जांच अनिवार्य हो।”
मुख्यमंत्री ने तकनीकी विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने का भी निर्देश दिया है, जो SOP तैयार करेगी।
नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) पहले ही चारधाम की हेलिकॉप्टर उड़ानों की संख्या कम कर चुका है और ऑपरेशनों की निगरानी बढ़ा दी गई है।
हादसे की जांच विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) द्वारा की जाएगी।
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