अपनी रूढ़ीवादी सोच के लिए कुख्यात हरियाणा की खाप पंचायत ने के बार फिर से अपनी पुरुषवादी सोच को उजागर करते हुए लड़कियों के विवाह की उम्र को 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष करने का विरोध किया है | लेकिन प्रेम विवाह भी उन्हें मंजूर नहीं है , इसलिए कोर्ट मैरिज के लिए 21 वर्ष को जायज बताया है |खाप मैरिज एक्ट के नाम से प्रस्ताव भी पारित किया | उनके मुताबिक प्रेम विवाह के ज्यादातर मामलों में अदालतीय पंजीयन का सहारा लिया जाता है ,इसलिए आयु सीमा बढ़ने से इसमें कमी आयेगी |
विदित हो कि हरियाणा और राज्य से सटे हुए उत्तरप्रदेश में खाप प्रभावशाली संस्था हैं।जो अपनी निजी राय समाज में थोपती रहती हैं | लड़कियों के पहनावे , मोबाइल के इस्तेमाल , यौनशोषण के कारणों पर उनकी नकारात्मक राय और दवाब अक्सर संवैधनिक पहलुओं के खिलाफ ही होता है | खाप के निर्देशों के खिलाफ जाने पर अक्सर हिंसात्मक घटनाओं की भी खबरे आती रहती हैं |
हरियाणा के जींद में आयोजित खाप पंचायत की राय के मुताबिक मौजूदा प्रावधानों के अनुसार माता-पिता को 18 वर्ष की आयु में ही अपनी बेटियों की शादी करने की अनुमति दी जानी चाहिए।लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने वाले केंद्र सरकार के विधेयक का उन्होंने विरोध किया है। साथ ही इस महापंचायत में खाप मैरिज एक्ट के नाम से पारित प्रस्ताव में कहा गया कि एक गांव और एक गोत्र में शादी अमान्य मानी जाएगी।
खाप नेताओं ने कोर्ट मैरिज के लिए लड़कियों की 21 साल की उम्र का समर्थन किया है। इसके पीछे उनका तर्क है कि इससे प्रेम विवाह से बचाया जा सकता है। ढांडा खाप अध्यक्ष एवं खाप पंचायत के आयोजक देव वर्त ढांडा ने कहा कि मीटिंग में लगभग 100 खाप के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।उन्होंने कहा, “अधिकतर खाप नेता मंगलवार को लोकसभा में पेश किये गए बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 के मौजूदा प्रारूप के विरोध में थे। बता दें कि लोकसभा में इस विधेयक पर विपक्ष की कई आपत्तियों के बाद इसे संसदीय स्थायी समिति के पास भेजा गया है । ढांडा ने कहा कि अब वे समिति के समक्ष अपनी बात रखेंगे।
उनके मुताबिक , “ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर आहार के कारण, बेटियों की शादी के लिए आदर्श उम्र 18 को माना जाता है ,क्योंकि वे इस उम्र में कानूनी रूप से वयस्क हो जाती हैं और मतदान जैसे सभी अधिकारों का प्रयोग करती हैं। हम 21 साल की उम्र में कोर्ट मैरिज के लिए उनकी उम्र का समर्थन करते हैं ताकि कोई भी उन्हें भगाने के लिए गुमराह न कर सके।”खाप नेता ने कहा कि कुछ मामलों में हमने देखा है कि लड़कियां सिर्फ 18 साल होने का इंतजार करती हैं ताकि वे कोर्ट मैरिज के लिए पुलिस सुरक्षा की मांग कर सकें। ऐसे में कोर्ट मैरिज के लिए 21 साल की उम्र का प्रस्ताव ठीक है। इसके अलावा इस महापंचायत में खाप मैरिज एक्ट के नाम से पारित प्रस्ताव में कहा गया कि एक गांव और एक गोत्र में शादी अमान्य मानी जाएगी। विदित हो कि खाप एक जाट समुदाय सं का प्रतिनिधित्व करने वाला एक सामुदायिक संगठन है। एक खाप पंचायत के पास कोई आधिकारिक सरकारी मान्यता या अधिकार नहीं है, लेकिन वह उस समुदाय के भीतर महत्वपूर्ण सामाजिक प्रभाव डालता है जिसका वह प्रतिनिधित्व करता है।