तंबाकू स्वस्थ ले लिए कितना हानिकारक है ये जानते हुआ भी खी सरे लोग इसका सेवन करते है और अपनी इस आदत को छोड़ नही पाते| न्यूज़ीलैंड में अपनी आने वाली पीढियों को तम्बाकू से होने वाली जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए एक ठोंस कदम उठाया गया है| तब सवाल उठ रहे है की क्या भारत भी ऐसे जागरूक कदम तम्बाकू के खिलाफ उठा सकता है?
हालांकि देश के आकार और अनूठी जटिलताओं के कारण भारत में उसी रणनीति को पूरी तरह से दोहराना संभव नहीं हो सकता है, सरकार तंबाकू के खिलाफ अपनी लड़ाई के बारे में गंभीर हो सकती है , मौजूदा कानूनों को ठीक से लागू कर सकती है और इसके लिए एक क्रमिक और व्यवस्थित दृष्टिकोण तैयार कर सकती है।
“पणजी, गोवा में स्थित एक वरिष्ठ ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ शेखर साल्कर ने इस मुद्दे पर खा की “यह बहुत अच्छा विचार है। कम से कम किसी ने तो सकारात्मक, सराहनीय और साहसिक कदम तो उठाया ही होगा। यह देखा जाना बाकी है कि वे इसे लागू करने में कितना सक्षम हैं या वे कितने सफल हैं, लेकिन कम से कम उन्होंने सही दिशा में एक कदम उठाया है|
डॉ साल्कर तंबाकू उत्पादों के दुष्प्रभावों को उजागर करने और उनके उपयोग को खत्म करने के लिए काम कर रहे 20 गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के एक संघ, तंबाकू उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय संगठन (नोट) के अध्यक्ष भी हैं।
एक क्रांतिकारी कदम में, न्यूजीलैंड, अपनी स्मोकफ्री 2025 योजना के हिस्से के रूप में, जिसे अगले साल किसी समय स्वीकृत होने की उम्मीद है, वर्तमान में 14 वर्ष की आयु के लोगों को अपने पूरे जीवनकाल में कानूनी रूप से तंबाकू उत्पाद खरीदने से रोकेगा। कानूनी धूम्रपान की उम्र भी हर साल बढ़ाई जाएगी।