एनआरआई दूल्हे को अमेरिका वापस भेजा, पहुंचा हाईकोर्ट

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एनआरआई दूल्हे को अमेरिका वापस भेजा, पहुंचा हाईकोर्ट

| Updated: December 31, 2022 11:26

शादी के लिए भारत आए एक एनआरआई को दिल्ली एयरपोर्ट से ही वापस अमेरिका भेज देने के मामले में गुजरात हाई कोर्ट ने केंद्र, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) और संबंधित इमिग्रेशन अथॉरिटी को नोटिस जारी किया है। उन्हें इसलिए वापस (deportation) भेजा गया था, क्योंकि अमेरिकी पासपोर्ट में उनको बाल यौन शोषण (child sexual abuse) का दोषी बताया गया था।

हाई कोर्ट में याचिका आनंद जिले में पैदा हुए 30 वर्षीय धनराज पटेल ने दायर की थी। वह अपने परिवार के साथ अमेरिका चले गए थे। उन्हें अमेरिकी नागरिकता मिल गई थी। 27 दिसंबर को पटेल दुबई से दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरे, लेकिन देश में प्रवेश करने से मना कर दिया गया। उनके पासपोर्ट में दी गई जानकारी के आधार पर इमिग्रेशन अधिकारियों ने तुरंत निर्वासित (deported) कर दिया। पटेल फिलहाल दुबई में हैं और भारत में प्रवेश के लिए मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच, उनके परिवार के सदस्य और मंगेतर यहां उनका इंतजार कर रहे हैं।

पटेल ने अपने वकील आईएच सैयद और आफताब अंसारी के जरिये हाई कोर्ट में याचिका दायर की। वकीलों ने अदालत को सूचित किया कि अपराध 2015 में दर्ज किया गया था और वह 2021 में पहले ही सजा काट चुके, जो 100 घंटे की सामुदायिक सेवा (community service) थी।

केंद्र की ओर से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) देवांग व्यास ने पटेल की याचिका पर इस आधार पर सवाल उठाया कि वह भारतीय नागरिक नहीं थे, वह भारत में मौजूद नहीं थे और कुछ अधिकार उनके लिए उपलब्ध नहीं हैं।

उन्होंने आगे तर्क दिया कि भारत के पास व्यक्ति के अपने देश में बाल शोषण के लिए दोषी ठहराए जाने के आधार पर प्रवेश से वंचित करने का अधिकार है। उन्होंने 29 दिसंबर को पटेल के वीजा को रद्द करने की ओर इशारा किया। कहा कि अमेरिका ने 23 मई को पटेल का पासपोर्ट रद्द कर दिया था, क्योंकि उनके पास सजा काट लेने के लेकर जानकारी नहीं थी। ऐसे में चूंकि पटेल ने कैंसिल हो गए पासपोर्ट पर भारतीय वीजा हासिल किया था,  इसलिए उसे रद्द कर दिया गया था। एएसजी ने यह भी कहा कि अगर याचिकाकर्ता भारत में शादी करना चाहते हैं, तो उनका स्वागत है। लेकिन सिर्फ वैध वीजा पर, वरना शादी के लिए वह महिला को अपने देश बुला सकते हैं।

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि देश के इमिग्रेशन अधिकारी विदेशियों को अपनी इच्छा या दर्ज ब्योरे के आधार पर प्रवेश की अनुमति देने से इनकार नहीं कर सकते हैं। उन्होंने यह दावा भी किया कि पटेल ने वैध पासपोर्ट पर भारतीय वीजा प्राप्त किया था।

मामले की सुनवाई करने वाली न्यायमूर्ति गीता गोपी ने इस तरह के मामलों से जुड़े कानून के प्रावधानों के बारे में पूछताछ की और मंगलवार तक संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा।

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