नई दिल्ली— भारत ने मंगलवार से अपना वैश्विक कूटनीतिक अभियान ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ शुरू कर दिया है। इस अभियान का उद्देश्य पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाना है। इसी कड़ी में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में से तीन के सांसदों और पूर्व सांसदों को इस अभियान से जुड़ी अहम जानकारी दी।
इन प्रतिनिधिमंडलों का उद्देश्य दुनिया की विभिन्न राजधानियों में जाकर भारत का सख्त संदेश पहुंचाना है कि देश अब आतंकवाद को किसी भी रूप में सहन नहीं करेगा और इसका जवाब नई नीति के तहत मजबूती से देगा।
सूत्रों के अनुसार, विक्रम मिस्री ने कहा, “भारत शांति का पक्षधर है, लेकिन वह अपनी ज़मीन पर किसी भी आतंकी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा। अब इसका जवाब ‘न्यू नॉर्मल’ के तहत दिया जाएगा।”
आज रवाना होंगे दो प्रतिनिधिमंडल
आज दो प्रतिनिधिमंडल विदेश यात्रा पर रवाना होंगे। जेडीयू नेता संजय झा के नेतृत्व वाला दल सुबह 11:40 बजे जापान रवाना होगा, जबकि शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में एक और दल रात 9 बजे यूएई के लिए प्रस्थान करेगा।
संजय झा का प्रतिनिधिमंडल सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, मलेशिया और इंडोनेशिया का भी दौरा करेगा। ब्रीफिंग के बाद उन्होंने कहा:
“भारत ने अब तय कर लिया है कि बहुत हो चुका। पाकिस्तान बार-बार भरोसे को तोड़ते हुए ऐसा व्यवहार करता है मानो चोर से ही अपनी चोरी की जांच कराई जा रही हो।”
वहीं, श्रीकांत शिंदे, जो यूएई और कई अफ्रीकी देशों का दौरा करेंगे, ने कहा कि वे दुनिया के नेताओं के सामने पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता और मानवता के खिलाफ उसके अपराधों के ठोस प्रमाण पेश करेंगे।
सैन्य कार्रवाई पर विराम: नहीं था कोई तीसरा पक्ष
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, जो संजय झा के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं, ने यह स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाई को रोकने का निर्णय द्विपक्षीय था, इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई मध्यस्थता नहीं हुई, जैसा कि पूर्व में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था।
खुर्शीद ने कहा, “यह पूरी तरह भारत और पाकिस्तान के बीच का मामला था। न तो कोई हस्तक्षेप हुआ और न ही कोई मध्यस्थता। जब मामला बढ़ा तो दोनों देशों के बीच बढ़ा, और जब खत्म हुआ तो दोनों देशों के बीच ही खत्म हुआ। यह पाकिस्तान के डीजीएमओ की पहल थी, और हमने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।”
पाकिस्तान के खिलाफ सबूतों के साथ जाएंगे सांसद
सूत्रों के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान द्वारा भारत में आतंकवाद को प्रायोजित करने के प्रमाणों से युक्त डोजियर भी साथ ले जा रहे हैं। इन डोजियरों को मेज़बान देशों की आधिकारिक भाषा में तैयार किया जा सकता है, ताकि वहां की सरकार और सांसदों तक स्पष्ट संदेश पहुंच सके।
प्रतिनिधिमंडलों को अपने विदेशी दौरे से पहले एक और ब्रीफिंग दी जाएगी, जिसमें उन्हें वहां के सांसदों और सरकारी प्रतिनिधियों से प्रभावी ढंग से संवाद करने की रणनीति बताई जाएगी।
‘ऑपरेशन सिन्दूर’ के माध्यम से भारत पहली बार अपने आतंकवाद के खिलाफ रुख को रक्षात्मक से आक्रामक कूटनीति में बदल रहा है — और पाकिस्तान पर वैश्विक दबाव बनाने के लिए अब वह दुनिया के सामने अपने पक्ष को मजबूती से रखने जा रहा है।
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