शीर्ष जिओ-इंटेलिजेंस विश्लेषकों द्वारा प्राप्त नई सैटेलाइट तस्वीरों में पाकिस्तान के एयरबेस पर भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर के हमलों के बाद हुई भारी तबाही का खुलासा हुआ है।
विशेषज्ञ डेमियन सायमॉन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर ये तस्वीरें साझा कीं, जिनमें पाकिस्तान के नूर खान और मुरीद एयरबेस पर हुए ढांचागत नुकसान साफ नजर आ रहे हैं। ये दोनों एयरबेस भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की पाकिस्तान की कोशिशों के जवाब में भारतीय हमलों का निशाना बने।
सायमॉन के अनुसार, नूर खान एयरबेस की सैटेलाइट तस्वीरों में एक पूरा कॉम्प्लेक्स जमींदोज नजर आ रहा है, जबकि मुरीद एयरबेस की तस्वीरों में कमांड एंड कंट्रोल बिल्डिंग को गंभीर संरचनात्मक नुकसान और आंशिक छत गिरने के संकेत मिले हैं, जिससे अंदरूनी हिस्सों में भी क्षति की संभावना जताई जा रही है।
डेमियन सायमॉन ने पोस्ट किया, “इस रिपोर्ट में पाकिस्तान के मुरीद एयरबेस पर हुए नुकसान को दिखाया गया है — भारतीय वायुसेना के हमले ने कमांड एंड कंट्रोल बिल्डिंग को गंभीर नुकसान पहुंचाया है, जिसकी छत का एक हिस्सा भी गिर गया है, जिससे अंदरूनी हिस्सों में भी तबाही हुई होगी।”
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के रफीकी, मुरीद, नूर खान, चुनियां (पंजाब में) और सुक्कुर एयरबेस को निशाना बनाया।
इनमें सबसे अहम है नूर खान एयरबेस, जो पाकिस्तान के मुख्य ट्रांसपोर्ट स्क्वॉड्रन का ठिकाना है। यहां से लॉजिस्टिकल और स्ट्रैटेजिक एयरलिफ्ट ऑपरेशन होते हैं। यह बेस C-130 हरक्यूलिस, साब 2000, IL-78 मिड-एयर रिफ्यूलर्स और VIP के लिए इस्तेमाल होने वाले विमानों का घर है।
वहीं मुरीद एयरबेस पाकिस्तान की वायुसेना की सीमाओं के पास परिचालन क्षमता बनाए रखने के लिए अहम है। यहां Shahpar 1, Shahpar 2, Burraq, Falco, Bayraktar TB2S, Bayraktar Akinci, CH-4 और Wing Loong 2 जैसे अत्याधुनिक ड्रोन और फाइटर जेट्स तैनात हैं।
भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए। यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले (जिसमें 26 नागरिक मारे गए) के जवाब में अंजाम दिया गया था।
इसके बाद चार दिनों तक भारत और पाकिस्तान के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा (LoC) पर जबरदस्त गोलीबारी और हमले होते रहे। दोनों देशों ने 12 मई को फायरिंग रोकने पर सहमति जताई, लेकिन पाकिस्तान ने कुछ ही घंटों में इस समझौते का उल्लंघन कर दिया।