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साइबर ठगी मामले में पूछताछ के दौरान सूरत की महिला की मौत, परिजनों ने पुलिस पर लगाया आरोप

| Updated: June 3, 2025 16:52

पूछताछ के दौरान तबीयत बिगड़ने पर महिला को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित किया। परिवार ने की न्याय की मांग।

सूरत: महाराष्ट्र के नासिक साइबर सेल द्वारा साइबर ठगी के एक मामले में पूछताछ के दौरान सूरत की 56 वर्षीय महिला मीनाबेन मोहनभाई राठौड़ की मौत हो गई। पुलिस के अनुसार, करीब सात महीने पहले मीनाबेन के बैंक खाते में ₹6 लाख की रकम जमा हुई थी, जिसे तुरंत निकाल लिया गया था।

अधिकारियों का कहना है कि पूछताछ के दौरान मीनाबेन का ब्लड प्रेशर गिर गया था, हालांकि उनकी मौत के पीछे की सटीक वजह अभी स्पष्ट नहीं है। अमरोली पुलिस ने इस मामले में एडीआर (आकस्मिक मृत्यु रिपोर्ट) दर्ज कर ली है और जल्द ही नासिक साइबर सेल के अधिकारियों के बयान दर्ज किए जाएंगे।

नासिक साइबर सेल की तीन सदस्यीय टीम, जिसमें वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक शुभाष धवले शामिल थे, रविवार को सूरत पहुंची थी। अमरोली पुलिस की मदद से टीम च्छापराबाठा इलाके की बारोडी स्ट्रीट स्थित मीनाबेन के घर पहुंची और उन्हें पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया।

दोपहर में मीनाबेन अपने बेटे रवि राठौड़ के साथ अमरोली पुलिस स्टेशन पहुंचीं। पूछताछ के दौरान बिजली चली गई, जिसके बाद पुलिस अधिकारियों ने उन्हें थाने परिसर के एक खुले बगीचे में बैठाकर सवाल-जवाब शुरू रखे। इस दौरान मीनाबेन को सांस लेने में तकलीफ होने लगी, वह घबरा गईं और ठीक से जवाब नहीं दे पा रही थीं। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें घर भेज दिया गया और फिर सूरत महानगरपालिका के एसएमआईएमईआर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

शोकाकुल परिवार ने नासिक साइबर सेल के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। मीनाबेन के बेटे रवि ने कहा, “मेरी मां को गर्मी में सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। मैंने नासिक साइबर सेल के अधिकारियों से तीन बार उन्हें जाने देने की विनती की ताकि उनका इलाज हो सके, लेकिन वे पूछताछ करते रहे। मां डरी हुई थीं, कांप रही थीं और उनका ब्लड प्रेशर गिर गया। मैंने अधिकारियों से कहा कि वे अगली बार आकर पूछताछ कर लें, लेकिन वे नहीं माने और मैंने अपनी मां को खो दिया।”

अमरोली पुलिस के अनुसार, मीनाबेन अपने पति महेश राठौड़, बेटे और बहू के साथ रहती थीं। वह और उनकी बहू घरों में काम करती थीं। महेश बेरोज़गार हैं और बीमार रहते हैं, जबकि रवि पांच महीने पहले एक दुर्घटना में घायल हो गए थे और तब से काम पर नहीं जा पाए।

नासिक साइबर सेल के वरिष्ठ निरीक्षक शुभाष धवले ने बताया, “करीब तीन महीने पहले दर्ज साइबर ठगी मामले की जांच चल रही है। इस अपराध में कई बैंक खातों का उपयोग किया गया था। अब तक तीन लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जांच में यह सामने आया कि मीनाबेन राठौड़ के बैंक खाते में भी कुछ रकम ट्रांसफर हुई थी। पूछताछ में उन्होंने बताया कि उन्होंने किसी अन्य व्यक्ति को अपना बैंक खाता इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी।”

अमरोली पुलिस निरीक्षक डी. के. पटेल ने कहा, “हमने आकस्मिक मृत्यु रिपोर्ट दर्ज कर ली है। नासिक साइबर सेल के तीनों अधिकारियों के बयान लिए जाएंगे। उनके बयानों के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।”

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