हिजाब पहनने पर छह छात्राओं को कॉलेज में प्रवेश करने से रोका गया - Vibes Of India

Gujarat News, Gujarati News, Latest Gujarati News, Gujarat Breaking News, Gujarat Samachar.

Latest Gujarati News, Breaking News in Gujarati, Gujarat Samachar, ગુજરાતી સમાચાર, Gujarati News Live, Gujarati News Channel, Gujarati News Today, National Gujarati News, International Gujarati News, Sports Gujarati News, Exclusive Gujarati News, Coronavirus Gujarati News, Entertainment Gujarati News, Business Gujarati News, Technology Gujarati News, Automobile Gujarati News, Elections 2022 Gujarati News, Viral Social News in Gujarati, Indian Politics News in Gujarati, Gujarati News Headlines, World News In Gujarati, Cricket News In Gujarati

हिजाब पहनने पर छह छात्राओं को कॉलेज में प्रवेश करने से रोका गया

| Updated: January 22, 2022 17:47

कर्नाटक के उडुपी जिले के एक सरकारी कॉलेज में मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनने की मांग को लेकर बीते तीन सप्ताह से विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। यहां की छह मुस्लिम छात्राओं को कॉलेज प्रबंधन ने नियमों को हवाला देते हुए हिजाब पहनने के कारण क्लास में आने से रोक दिया है। इसी बीच कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने इस मामले पर बयान देते हुए कहा है कि ऐसे कपड़े पहनना अनुशासनहीनता है।

प्रदर्शन कर रही छात्राओं का आरोप है कि उन्हें हिजाब पहनने के कारण 20 दिनों से क्लास करने नहीं दिया जा रहा है। उनके माता पिता ने भी कॉलेज प्रबंधन से हिजाब पहनने की अनुमति देने का अनुरोध किया था लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। उडुपी कॉलेज प्रशासन के लिए क्या धार्मिक स्वतंत्रता सिलेबस में नहीं है?

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 25 कहता है कि सभी व्यक्ति समान रूप से अंतःकरण की स्वतंत्रता और धर्म को मानने, आचरण करने और प्रचार करने के स्वतंत्र अधिकार के हकदार हैं।

लेकिन उडुपी कॉलेज द्वारा हिजाब पहनकर प्रवेश पर रोक लगाने के तीन सप्ताह बाद भी छह छात्राएं हिजाब पहनकर कक्षाओं में प्रवेश करने और पढ़ाई में भाग लेने के लिए लड़ रही हैं।

प्रतिबंधित छह छात्रों में से एक आलिया असदी ने कहा “हमारे सामने दो विकल्प हैं। या तो हार मान कर कक्षा में प्रवेश करें या अपने मौलिक अधिकारों के लिए लड़ना जारी रखें। हमने बाद वाला विकल्प को चुना है। हम हार नहीं मानेंगे।”

दरअसल कॉलेज प्रबंधन ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि क्लास के दौरान हिजाब पहनने की अनुमति नहीं है।
हालांकि प्रदर्शनकारी छात्राओं का तर्क है कि यह एक सरकारी कॉलेज है जिसमें पुरुष शिक्षक भी हैं। वे लोग पुरुष शिक्षक के सामने बिना हिजाब के बैठने पर असहज महसूस करती हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमें महिला लेक्चरर के सामने बैठने में कोई आपत्ति नहीं है। प्रदर्शनकारी छात्राओं का यह भी आरोप है कि उनकी सीनियर्स को हिजाब पहनने की अनुमति दी गई थी लेकिन ऐसा करने के लिए उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। साथ ही उनलोगों ने यह भी कहा कि संविधान में हिजाब पहनने का अधिकार दिए जाने के बावजूद कॉलेज प्रशासन इस पर रोक लगा रहा है।

शिक्षा मंत्री बीसी नागेश

हालांकि राज्य के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा कि ऐसे कपड़े पहनना अनुशासनहीनता है और स्कूल एवं कॉलेज धर्म पालन करने की जगह नहीं है। शिक्षा मंत्री ने इस प्रदर्शन के लिए पीएफआई से जुड़े छात्र संगठन को जिम्मेदार ठहराया। बीसी नागेश ने कहा कि वे लोग विधानसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे का राजनीतिकरण करना चाहते हैं और साथ ही उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि आखिर वे अभी ही क्यों अपने संवैधानिक अधिकारों का अभ्यास करना चाहते हैं। हालांकि छात्राओं ने पीएफआई के साथ किसी भी तरह का संबंध होने का इनकार किया है।शिक्षामंत्री ने यह भी कहा कि कॉलेज में करीब 100 से अधिक मुस्लिम छात्राएं हैं लेकिन इन छह छात्राओं को छोड़कर किसी को भी कोई समस्या नहीं है। ये छात्राएं कॉलेज के ड्रेस कोड का पालन नहीं करना चाहती हैं। इस मामले को सुलझाने के लिए छात्राओं, अभिभावकों, सरकारी अधिकारियों और स्कूल प्रबंधन के बीच बैठक भी हुई लेकिन कोई हल नहीं निकला। वहीं कॉलेज विकास समिति के अध्यक्ष विधायक रघुपति भट ने कहा कि ड्रेस के रूप में शुरू से ही हिजाब पहनने की अनुमति नहीं है। जो छात्राएं प्रदर्शन कर रही हैं, वे कॉलेज छोड़कर जा सकती हैं।

Your email address will not be published. Required fields are marked *

%d