भारत सरकारी स्वामित्व वाली लाइफ इंश्योरेंस कार्पोरेशन के आईपीओ से 300 अरब रुपये (3.9 अरब डॉलर) जुटाने की कोशिश कर रहा है। यह पिछले अनुमानों की तुलना में लगभग 40% कम है, क्योंकि यूक्रेन में युद्ध से मूल्यांकन में कमी आई है। मामलों से जुड़े लोगों के मुताबिक, आकार घटने के बावजूद यह आईपीओ भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ होगा।
बताया जाता है कि सरकार एलआईसी आईपीओ को लाने की तारीख का एलान जल्द कर सकती है। इसके अगले दो हफ्तों में लिस्टिंग की संभावना है। लोगों ने कहा कि एलआईसी की कीमत करीब 6 लाख करोड़ रुपये होगी। ब्लूमबर्ग न्यूज ने बताया था कि हाल ही में अप्रैल तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार एलआईसी के 7% को बेचकर 500 बिलियन रुपये जुटाना चाहती थी। लोगों ने कहा कि निवेशकों की सुस्त मांग पर हिस्सेदारी की बिक्री अब 5% से थोड़ी अधिक हो सकती है। ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस सहित मौजूदा मंजूरियां 12 मई को खत्म हो जाती हैं।
एलआईसी और वित्त मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने इससे जुड़े सवालों का तुरंत जवाब नहीं दिया। मीडिया ने शुक्रवार को संशोधित हिस्सेदारी बिक्री योजना की सूचना दी थी। ब्लूमबर्ग द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, आईपीओ अभी भी देश का सबसे बड़ा होगा, जो पेटीएम के संचालक वन-97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड की लिस्टिंग को पीछे छोड़ देगा, जिसने नवंबर में लगभग 183 बिलियन रुपये जुटाए थे। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय फर्मों ने इस साल आईपीओ के जरिए करीब 1.1 अरब डॉलर जुटाए हैं। यह 2021 में इसी अवधि में जुटाए गए लगभग 3 बिलियन डॉलर के आधे से भी कम है।