क्या होगा अगर उर्दू को हिंदी सिनेमा से हटा दिया जाए? - Vibes Of India

Gujarat News, Gujarati News, Latest Gujarati News, Gujarat Breaking News, Gujarat Samachar.

Latest Gujarati News, Breaking News in Gujarati, Gujarat Samachar, ગુજરાતી સમાચાર, Gujarati News Live, Gujarati News Channel, Gujarati News Today, National Gujarati News, International Gujarati News, Sports Gujarati News, Exclusive Gujarati News, Coronavirus Gujarati News, Entertainment Gujarati News, Business Gujarati News, Technology Gujarati News, Automobile Gujarati News, Elections 2022 Gujarati News, Viral Social News in Gujarati, Indian Politics News in Gujarati, Gujarati News Headlines, World News In Gujarati, Cricket News In Gujarati

क्या होगा अगर उर्दू को हिंदी सिनेमा से हटा दिया जाए?

| Updated: October 22, 2021 18:17

जब अपनी बात मनवाने के हर कोई प्रयास निष्फल हो, तब हास्य को सब से अच्छा हथियार माना जाता है |

ट्विटर हैंडल इश्क उर्दूने , जो अपने बायो के अनुसार,“एक जगह (जो) समकालीन पाठकों के लिए प्रासंगिक बनाते हुए उर्दू की सुंदरता का जश्न मनाती है”, ऊर्दूके सांस्कृतिक संदर्भोंको हटाकर नए भारतकी कल्चर-पुलिस का उपहास किया है | बेशक, यह मजाक एक शीख भी देता है और बताता है कि शब्द की व्युत्पत्ति आम आदमी के लिए मायने नहीं रखती अगर वह शब्द उसकी भावनाओं को स्पष्ट रूप से व्यक्त कर पाये ।

नवोदित आमिर खान-जूही चावला अभिनीत “कयामत से कयामत तक” एक ऐसी फिल्म थी जिसने हिंसक एक्शन फिल्मों के चलन को उलट दिया और बॉलीवुड संगीत में माधुर्य को वापस ला दिया था।

करण जौहर के पिछले निर्देशन साहसिक और अरिजीत सिंह के दिल दहला देने वाले गीतों के भावनात्मक प्रदर्शन के लिए प्रसिद्ध, ए दिल है मुश्किल के पोस्टर को इस प्रकार नया रूप दिया गया है।

सुभाष घई की ब्लॉकबस्टर सौदागर जिसने महान दिलीप कुमार और स्टाइलिश राज कुमार को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा किया था, उसे न्यू इंडिया में एक विज्ञापन के रूप में जाना जाएगा, जबकि अमिताभ बच्चन की एक बार की वापसी वाली फिल्म, शहंशाह का नाम सम्राट होगा।

इसी तरह, संजय लीला भंसाली की समीक्षकों द्वारा प्रशंसित “खामोशी” “मौन” होगी और शाहरुख खान अभिनीत “रईस” “धनवान” होगी।

@Ishq_Urdu आगे जाकर नए भारत की अलिखित आज्ञाओं के अनुसार बॉलीवुड के सदाबहार गीतों को दिखाता है। शैलेंद्र द्वारा लिखित राज कपूर का विश्व स्तरीय दिल तोड़ने वाला गीत “दोस्त दोस्त ना रहा, प्यार प्यार न रहा” “मित्र मित्र ना रहा, पेम प्रेम ना रहा” बन जाएगा।

क्या होगा अगर शेखर कपूर की अमरीश पुरी के साथ मोगैम्बो “खुश” के बजाय “प्रसन्न” हो जाए? और अक्षय कुमार और रवि टंडन “तू चीज़ बड़ी है मस्त मस्त” के बजाय “तू वस्तु बड़ी है आनंदमयी आनंदमयी” पर ज़ूम सकते हैं ??

ट्विटर हैंडल ने हिंदी फिल्मों के घर में इस्तेमाल होने वाले संवाद भी पोस्ट किए हैं, जो पॉप संस्कृति का एक निर्विवाद हिस्सा बन गए हैं – जिसमे से उर्दू को हटा दिया गया है।

अमिताभ की गर्जना भरी आवाज उनके “संबंध से तो हम तुम्हारे पिता लगते हैं” में अलग लगेगी।

Your email address will not be published. Required fields are marked *

%d