भारत के स्टार बल्लेबाज़ विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की इच्छा जताई है और इस संबंध में उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को सूचित कर दिया है। हालांकि, बोर्ड के शीर्ष अधिकारियों ने उन्हें यह फैसला वापस लेने का अनुरोध किया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, कोहली ने अभी तक बोर्ड के आग्रह पर अंतिम प्रतिक्रिया नहीं दी है।
एक सूत्र ने अखबार को बताया, “उन्होंने अपना मन बना लिया है और बोर्ड को बता दिया है कि वह टेस्ट क्रिकेट से आगे बढ़ना चाहते हैं। BCCI ने उन्हें पुनर्विचार करने को कहा है, क्योंकि इंग्लैंड का महत्वपूर्ण दौरा सामने है। अब तक उन्होंने इस अनुरोध पर कोई जवाब नहीं दिया है।”
कोहली का यह फैसला रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा के कुछ ही दिनों बाद आया है। भारतीय चयनकर्ता जल्द ही इंग्लैंड के खिलाफ अगले महीने शुरू होने वाली पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए टीम का चयन करने वाले हैं।
सूत्रों के अनुसार, कोहली इस वर्ष की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया में खेले गए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद से ही अपने टेस्ट करियर को लेकर सोच-विचार कर रहे थे। उन्होंने उस सीरीज़ के पहले टेस्ट में शतक लगाया था, लेकिन इसके बाद उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा। पांच टेस्ट में उनका औसत 23.75 रहा और आठ में से सात बार वह ऑफ स्टंप के बाहर गेंदों पर आउट हुए।
अगर कोहली अपने फैसले पर अडिग रहते हैं, तो रोहित के बाद उनका जाना भारतीय टीम के मिडिल ऑर्डर को अनुभवहीन बना देगा। इस स्थिति में टीम को केएल राहुल, शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल जैसे युवा बल्लेबाज़ों पर निर्भर रहना होगा, जबकि निचले क्रम में ऋषभ पंत की भूमिका और महत्वपूर्ण हो जाएगी।
इसके साथ ही टीम दो ऐसे अनुभवी खिलाड़ियों से वंचित हो जाएगी, जिन्होंने पिछले 11 वर्षों तक टेस्ट टीम की अगुवाई की है। कोहली ने दिसंबर 2014 में टेस्ट कप्तानी संभाली थी, जबकि फरवरी 2022 में रोहित शर्मा ने यह जिम्मेदारी संभाली।
इसी सप्ताह इंडियन एक्सप्रेस ने रिपोर्ट किया था कि चयनकर्ता नए टेस्ट चक्र के लिए युवा कप्तान की तलाश में हैं। इसके तुरंत बाद रोहित ने संन्यास की घोषणा कर दी। सूत्रों के अनुसार, शुभमन गिल को अगला टेस्ट कप्तान बनाए जाने की सबसे अधिक संभावना है।
36 वर्षीय कोहली ने अब तक भारत के लिए 123 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 46.85 की औसत से 9,230 रन बनाए हैं। हालांकि, पिछले पांच वर्षों में उनका प्रदर्शन गिरा है—इस अवधि में उन्होंने 37 टेस्ट में केवल तीन शतक सहित 1,990 रन बनाए हैं।
मार्च में RCB के एक कार्यक्रम में कोहली ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के अनुभवों को साझा करते हुए मानसिक दबाव की बात कही थी। उन्होंने कहा था, “जब आप बाहर से आने वाले दबाव और निराशा को आत्मसात करने लगते हैं, तो आप खुद पर अनावश्यक बोझ डालने लगते हैं। आप सोचने लगते हैं कि ‘अब इस दौरे में दो-तीन दिन ही बचे हैं, मुझे अब कोई प्रभाव छोड़ना होगा’—और तब आप और अधिक बेचैन हो जाते हैं।”
उन्होंने आगे कहा था, “पहले टेस्ट में अच्छा स्कोर किया तो सोचा, चलो अब आगे भी बड़ी सीरीज़ होगी। लेकिन वैसा नहीं हुआ। तब मुझे इसे स्वीकार करना पड़ा—’ठीक है, ऐसा हुआ। अब मुझे ईमानदारी से सोचना होगा कि मैं कहां जाना चाहता हूं, मेरी ऊर्जा का स्तर क्या है।'”
कोहली इससे पहले पिछले साल वेस्टइंडीज में T20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद टी20 क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। हालांकि, मौजूदा IPL में वह शानदार फॉर्म में हैं। उन्होंने 11 मैचों में 505 रन बनाए हैं, जिसमें तीन अर्धशतक शामिल हैं और उनका स्ट्राइक रेट 143.46 रहा है।
RCB के कार्यक्रम में उन्होंने पूर्व कोच राहुल द्रविड़ के साथ हुई बातचीत का भी जिक्र किया था, जिसने उन्हें अपने करियर के प्रति मानसिक स्पष्टता पाने में मदद की। उन्होंने कहा था, “आख़िर में यह सिर्फ़ खेल के प्रति प्रेम और आनंद की भावना है। जब तक यह प्रेम जीवित है, मैं खेलता रहूंगा। लेकिन मुझे अपने साथ ईमानदार रहना होगा।”
राहुल भाई ने कहा था कि मेरी प्रतिस्पर्धी प्रवृत्ति मुझे छोड़ने नहीं देगी—शायद एक सीरीज़ और, शायद छह महीने और। लेकिन यह संतुलन ज़रूरी है, और आपको बस यही प्रार्थना करनी चाहिए कि आपको सही समय पर स्पष्टता मिल जाए।
लगभग दो महीने बाद, अब ऐसा लग रहा है कि कोहली को वह “स्पष्टता” मिल गई है।