नई दिल्ली: भारत सरकार ने शनिवार को कहा कि पिछले तीन दिनों में पाकिस्तान की ओर से की गई सैन्य गतिविधियों को “उकसाने वाली और तनाव बढ़ाने वाली” कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है। भारत का आरोप है कि पाकिस्तान ने पंजाब में स्थित वायुसेना अड्डों को निशाना बनाने की कोशिश की है।
इस संबंध में एक आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें विदेश सचिव विक्रम मिस्री, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी ने संयुक्त रूप से पत्रकारों को संबोधित किया।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि पाकिस्तान ने भारत के 26 स्थानों पर हमले किए हैं और वहां की सेना अग्रिम मोर्चों की ओर सैनिकों की तैनाती कर रही है।
यह प्रेस वार्ता ऐसे समय हुई है जब भारत ने पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर और पंजाब में ड्रोन और मिसाइल हमलों की प्रतिक्रिया में जवाबी कार्रवाई की है।
भारतीय सेना ने एक बयान में कहा कि सुबह 5 बजे के आसपास अमृतसर के ऊपर कई पाकिस्तानी ड्रोन देखे गए जिन्हें सफलतापूर्वक इंटरसेप्ट किया गया। सेना ने यह भी स्पष्ट किया कि वह “दुश्मन की साजिशों को नाकाम करने” के लिए पूरी तरह तैयार है।
उत्तरी भारत के कई हिस्सों में तड़के हुए धमाकों से दहशत फैल गई। जम्मू में लोगों ने वायुसेना स्टेशन को निशाना बनाए जाने के दौरान कई बार धमाकों की आवाज सुनी। राजौरी में भारी गोलाबारी हुई और मुख्य नगर क्षेत्र तक गोले गिरे। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पठानकोट में सुबह-सुबह कई विस्फोटों की खबरें मिलीं। वायु सुरक्षा प्रणाली सक्रिय हो गई और जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी करते हुए लोगों को घरों में रहने का आदेश दिया। पूरे शहर में सन्नाटा छा गया और लोग ‘ऑल-क्लियर’ सायरन का इंतजार करते रहे।
श्रीनगर में भी इसी तरह के दृश्य देखे गए, जहां सुबह 5 बजे के बाद एयरपोर्ट के पास धमाकों की आवाजें सुनी गईं। बारामूला और उधमपुर में भी विस्फोटों की खबरें आईं। सेना के अनुसार, पाकिस्तान ने लगातार दूसरी रात ड्रोन हमलों की कोशिश की, जिनका निशाना भारतीय सीमाओं के सैन्य ठिकाने थे।
भारतीय वायु सुरक्षा प्रणालियों ने कई ड्रोन मार गिराए, लेकिन एक सशस्त्र ड्रोन फिरोजपुर (पंजाब) के एक रिहायशी इलाके में गिर गया, जिससे एक परिवार के कई सदस्य घायल हो गए।
शुक्रवार देर रात भारतीय सेना ने बताया कि पाकिस्तान के ड्रोन जम्मू-कश्मीर के बारामूला से लेकर गुजरात के भुज तक 26 स्थानों पर देखे गए। इन स्थानों में श्रीनगर, जम्मू, फिरोजपुर, पठानकोट, जैसलमेर और बाड़मेर जैसे महत्वपूर्ण शहर शामिल थे, जिससे खतरे की भौगोलिक व्यापकता स्पष्ट होती है।
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