द्वारिका में जगह मांगी ही फिर क्यों हो रहा है विवाद - वफ्फ बोर्ड - Vibes Of India

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द्वारिका में जगह मांगी ही फिर क्यों हो रहा है विवाद – वफ्फ बोर्ड

| Updated: December 28, 2021 19:43

अदालत की एक कथित टिप्पणी को लेकर पिछले दो दिन से गुजरात में दो धर्मो के अनुयायियो के बीच जमीन के मामले को लेकर विवाद की स्थिति बनी थी लेकिन वफ्फ बोर्ड के चेयरमैन साजीद हीरानी ने वडोदरा में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए स्पष्ट किया कि वफ्फ बोर्ड ने द्वारिका की किसी जमीन को लेकर कोई दावा ही नहीं किया है ,उनका दावा अमरेली जिला के सवाईपीर दरगाह को लेकर है ,जिसका द्वारिका के साथ कोई संबंध नहीं है | यह भ्रम दूर होना चाहिए |

देवभूमि द्वारका जिले के पवित्र मंदिर बट द्वारका के दो द्वीपों के स्वामित्व का दावा करते हुए गुजरात उच्च न्यायालय में एक लिखित आवेदन दायर किया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी सुनवाई जस्टिस संगीता विशन की कोर्ट में हुई. हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए पूछा कि वक्फ बोर्ड कृष्णानगरी द्वारका में जमीन के मालिकाना हक का दावा कैसे कर सकता है।

इस मामले में परिमल नथवानी ने कहा कि हजारों साल पहले भगवान कृष्ण उत्तर प्रदेश के मथुरा से गुजरात के द्वारका आए थे. उन्होंने द्वारका को अपनी राजधानी के रूप में स्थापित किया और उसे द्वारकाधीश कहा गया। उन्होंने द्वारका से शासन किया और बट द्वारका में रहते थे। यह इतिहास भगवान कृष्ण का सबसे प्राचीन, पौराणिक और सच्चा इतिहास है। और इस इतिहास को कोई नकार नहीं सकता।गुजरात की इस पवित्र भूमि पर भगवान द्वारकाधीश का शासन है और कोई भी विधर्मी संगठन उनकी भूमि पर स्वामित्व का दावा कैसे कर सकता है? उन्होंने कहा कि यह एक बहुत ही संवेदनशील मामला है और सभी संबंधितों को सावधान रहना चाहिए कि इसे आगे बढ़ने न दें। द्वारका, बैट द्वारका का स्वामित्व भगवान कृष्ण के अलावा किसी और के पास नहीं हो सकता है!


वही इस मामले में स्पष्टीकरण करते हुए जामनगर भाजपा सांसद पूनम माडम ने वफ्फ बोर्ड के चेयरमैन की राय से सहमति जतायी | सांसद पूनम माडम ने खुद उच्चाधिकारियों से जानकारी मिलने के बाद स्पष्ट किया कि वक्फ बोर्ड द्वारा मांगी गई जगह के मामले में द्वारका जिले की जमीन का कोई लेना देना नहीं है |उन्होंने स्पष्ट किया कि वक्फ बोर्ड द्वारा मांगी गई जगह अमरेली जिले के शिया बट की है.
वफ्फ बोर्ड द्वारा बैट द्वारका क्षेत्र की कोई मांग नहीं की गई है। शरबेट के बजाय बैट द्वारका के बारे में बात फैलते ही इस मामले ने भक्तों के बीच आक्रोश फैल गया। तो पूनम मैडम ने हरि भक्तों को चिंता न करने का आश्वासन दिया।

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