तीसरी लहर की आशंका के बावजूद अहमदाबाद के कुछ हिस्सों में वैक्सीन पर है झिझक - Vibes Of India

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तीसरी लहर की आशंका के बावजूद अहमदाबाद के कुछ हिस्सों में वैक्सीन पर है झिझक

| Updated: July 8, 2021 21:35

निगम क्षेत्रों में अहमदाबाद नगर निगम के दक्षिण-पश्चिम में वैक्सीन लेने वाले सबसे कम हैं। यह आधिकारिक आंकड़े बताते हैं।

अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) के चिकित्सा अधिकारी भाविन सोलंकी के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र के कुछ हिस्सों में वैक्सीन को लेकर अधिक झिझक है। ऐसा जागरूकता की कमी और टीकाकरण के बाद दुष्प्रभावों को लेकर अफवाहों के कारण दिखाई दिया।

एएमसी के एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि मख्तमपुरा, सरखेज-जुहापुरा, असरवा और जोधपुर जैसे क्षेत्रों में लोग टीका लेने से तबसे ही हिचकिचा रहे हैं, जब इस साल की शुरुआत में अभियान आरंभ हुआ था। मख्तमपुरा के पार्षद महमद जुबेर ने कहा कि किसी भी टीकाकरण कार्यक्रम से पहले या उसके दौरान आवश्यक जागरूकता अभियान शहर के गैर-मुस्लिम हिस्सों की तुलना में मुस्लिम क्षेत्रों में गायब था।

जुबेर ने कहा, “टीकाकरण को भूल जाइए। जब दूसरी लहर अपने चरम पर थी, तब निगम ने मख्तमपुरा में एक भी सबकी मुफ्त जांच की खातिर फ्री-फॉर-ऑल टेस्टिंग टेंट तक नहीं लगाया था। एक शहरी स्वास्थ्य केंद्र था भी तो भीड़भाड़ वाली जगह पर, जहां जाने से लोग डरते थे। ” जुबेर ने कहा,” हम अपनी तरफ से सब कुछ कर रहे हैं, लेकिन निगम को मख्तमपुरा में टीकाकरण के आंकड़े को बढ़ाना है तो उसे  को अपने अभियान को और आगे बढ़ाने की जरूरत है।”

जुहापुरा के पार्षद मिर्जा हाजी असरार बेग ने कहा कि एएनएम और आशा कार्यकर्ता जागरूकता पैदा करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। पार्षद ने 21 जून को साथ संस्था के सहयोग से घर-घर जाकर जागरुकता अभियान चलाया था। उन्होंने कहा, “लोग यह सोचकर डरे हुए हैं कि अगर वे वैक्सीन लेते हैं तो कुछ बुरा होगा। कुछ को धार्मिक कारणों से भी नहीं मिल रहा है। लेकिन हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं, और हम निश्चित रूप से आने वाले दिनों में सुधार कर लेंगे।” बेग ने जुहापुरा में टीकाकरण शिविर लगाने की अनुमति देने के लिए निगम के प्रति आभार भी जताया।

असरवा की पार्षद मीनाबेन पाटनी ने कहा, “दिविपुजक समुदाय के सदस्यों में निश्चित रूप से वैक्सीन को लेकर हिचकिचाहट है। लोग डरे हुए हैं कि अगर वे वैक्सीन लेते हैं तो उन्हें कुछ हो सकता है। दरअसल इस तरह की फर्जी खबरें फैल रही हैं और कई लोग इससे गुमराह भी हो रहे हैं। जागरूकता पैदा करने के लिए मैंने और मेरे पति ने खुद वैक्सीन ली और तस्वीरें प्रसारित कीं।”

पाटनी ने कहा कि हाल ही में उन्होंने समुदाय के सदस्यों के लिए एक टीकाकरण शिविर लगाया था, जहां मुश्किल से 50 लोग आए थे। उन्होंने बताया, “अब तक की रुझानों से पता चलता है कि महिलाओं की तुलना में पुरुष अधिक टीका ले रहे हैं।”

दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में ही स्थित जोधपुर की पार्षद भारतीबेन गोहिल ने कहा कि प्रतिक्रिया में सुधार हुआ है। काफी लोगों ने वेबसाइट पर पंजीकरण का विकल्प चुना है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के कहने के बाद 18 साल और उससे अधिक के लिए केंद्र पर ही सीधे पंजीकरण की सुविधा दी है। गोहिल ने कहा, “को-विन (CoWIN) पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होने की सूरत में लोगों को ऑनलाइन स्लॉट प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। टीका केंद्र पर ही यानी ऑन-साइट पंजीकरण की अनुमति से काफी फर्क पड़ा है।”

एएमसी के एक स्वास्थ्य अधिकारी के मुताबिक, दरअसल सरखेज-जुहापुरा, असरवा, जोधपुर और मख्तमपुरा जैसे इलाके में रहने वाले इस साल की शुरुआत में शुरू हुए अभियान के बाद से ही टीके को लेकर हिचकिचा रहे हैं।

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