1 करोड़ टीकाकरण: मोदी सरकार सिर्फ क्रेडिट लेना जानती है लेकिन जिम्मेदारी नहीं! - Vibes Of India

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1 करोड़ टीकाकरण: मोदी सरकार सिर्फ क्रेडिट लेना जानती है लेकिन जिम्मेदारी नहीं!

| Updated: October 21, 2021 19:15

भारत के 1 करोड़ COVID-19 टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल करने पर हमेशा की तरह अपनी पीठ थपथपाने के लिए इच्छुक नरेंद्र मोदी सरकार के लिए मुख्यधारा की मीडिया और सोशल मीडिया में चल रहे जोरदार अभियानों के बीच, पूर्व में सरकार के COVID-19 कुप्रबंधन को लेकर उन लाखों भारतीयों के लिए क्या यह एक उचित श्रद्धांजलि होगी! जिन्होंने COVID-19 के उस भयावह दौर में स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में अपनी जान गंवाई है।

यह क्रेडिट देना और क्रेडिट लेना गलत, इसी तरह यह कई मामलों में गलत समय पर और गलत तरीके से किया गया है। वैज्ञानिक समुदाय, चिकित्सा क्षेत्र और भारत के धैर्यवान लोग, जो सरकार की उदासीनता और असंवेदनशीलता के शिकार होने के बावजूद, देश को बचाए रखने में कामयाब रहे, निश्चित रूप से सभी श्रेय के पात्र हैं। अपनी अधिकांश आबादी का टीकाकरण करने वाले 217 देशों में से, भारत 127वें स्थान पर है, जिसने अपने देश में पूरी तरह से 20.6% और आंशिक रूप से 29.6% टीकाकरण किया है।

क्या हमें पहले और दूसरे कोविड दौर की भयावहता को भूल जाना चाहिए?

इससे पहले कि हम एक क्रेडिट भूखी सरकार को क्रेडिट दें, क्या हमें यह भूल जाना चाहिए कि यह डेटा और भी बहुत बेहतर हो सकता था अगर हमने 21 जनवरी और 16 अप्रैल 2021 के बीच 66.3 मिलियन खुराक विदेशों में निर्यात नहीं किया होता? या टीकों के लिए पहला आदेश सरकार द्वारा जनवरी 2021 के अंत में दिया गया था, यह पहले नही किया जा सकता था? इससे पहले, प्रधानमंत्री विश्व आर्थिक मंच में COVID-19 को हराने के लिए अपनी पीठ थपथपा रहे थे। क्या हमें यह भूल जाना चाहिए कि पश्चिम बंगाल में अपनी रैलियों में भीड़ को देखकर बिना प्रधानमंत्री कैसे खुश हो रहे थे?

क्या हमें COVID-19 के पहले चरण को भूल जाना चाहिए, जहां लाखों विस्थापित (एक जगह से दूसरी जगह पर जाने को मजबूर) भारतीयों को हजारों किलोमीटर पैदल चलना पड़ा?

क्या हमें COVID-19 की दूसरी लहर में लाखों भारतीयों की हताशा, लाचारी और मौतों को भूल जाना चाहिए? COVID-19 के कारण होने वाली मौतों की संख्या के मामले में, भारत 221 देशों में तीसरे नंबर पर है, जहां COVID-19 से मौतों पर नज़र रखने का दावा किया जाता है।

यहां, हम निश्चित रूप से उन लोगों को भी ध्यान में नहीं रख रहे हैं जो अस्पतालों, श्मशान या नगर पालिका/पंचायतों के दस्तावेज के बिना मर गए।

जिनकी मृत्यु का दस्तावेजीकरण किया गया था, लेकिन जिनकी मृत्यु COVID-19 जटिलताओं या कॉमरेडिडिटी के कारण हुई, उन्हें भी COVID-19 के कारण होने वाली मौतों के रूप में नहीं माना गया।

सरकारी आंकड़ों में निश्चित रूप से नदियों और सड़कों पर छोड़े गए हजारों शवों को शामिल नहीं किया गया है, जो दुनिया भर में सुर्खियां बटोर चुके हैं, और जिसने भी इस बदसूरत सच को दिखाने की हिम्मत की उनके खिलाफ इस सरकार ने बेशर्मी से कार्यवाई की और उन्हें दबाने का प्रयास किया। क्या हमें सरकार को श्रेय देते हुए यह सब भूल जाना चाहिए?

जैसा कि मैं लाखों लोगों द्वारा महसूस किए गए सामूहिक आक्रोश और दुख को आवाज देने के लिए लिखता हूं, मुझे पता है कि हम में से कुछ लोग आगे बढ़ना चाहते हैं और जीवन को नए सिरे से शुरू करना चाहते हैं। बेशक, जीवन आगे बढ़ता है, लेकिन हमें सरकार को यह याद दिलाने की जरूरत है कि जो लोग आज हमारे बीच नहीं हैं वे इन समारोहों का हिस्सा हो सकते थे, अगर वे रहते। वे भी जीना चाहते थे। टूटे हुए कांच के टुकड़ों का उपयोग उन लाखों भारतीयों के पहले से ही घायल दिलों को खुरचने के लिए नहीं किया जाना चाहिए, जो बहुत जल्दी चले गए, उनके प्रियजन आज भी उनके न होने का शोक मना रहे हैं।

उस भयावह दौर के शिकार हुये लोग वाले आज सुप्रीम कोर्ट में कड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं, और सरकार COVID-19 से मरने वालों को मुआवजा देने से इनकार कर रही है। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए अदालत में कड़ा संघर्ष किया कि वे हजारों करोड़ रुपये के सेंट्रल विस्टा का निर्माण जारी रखें। वे अस्पताल या ऑक्सीजन संयंत्र के बजाय अपने नए कार्यालय और घर के निर्माण स्थल पर जाना पसंद करते हैं। हां, व्यक्तिगत दुखों से सामूहिक ध्यान हटाने के लिए सरकार अपने नियंत्रण में सब कुछ कर रही है। लेकिन क्या हमें इस प्रयास में सरकार की मदद करनी चाहिए?

अगर हमें 75 साल पहले हुई विभाजन की त्रासदी को याद रखना चाहिए, तो क्या हमें उन भयावहताओं को भूल जाना चाहिए जिनसे देश महीनों पहले गुजरा था, सिर्फ इसलिए कि सरकार चाहती है कि हम ऐसा करें?

और प्रधानमंत्री क्यों चाहते हैं कि हम COVID-19 की भयावहता को भूल जाएं? सब इसलिए क्योंकि वह जल्दी से फिर से चुनावी रैलियों को संबोधित करना शुरू करना चाहते हैं? 

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