30,000 Sim Card से 1.27 लाख गुजरातियों से ठग लिए 815 करोड़ रुपये

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30,000 Sim Card से 1.27 लाख गुजरातियों से ठग लिए 815 करोड़ रुपये

| Updated: February 27, 2023 14:20

लगभग 1.27 लाख भोले-भाले गुजरातियों ने 2020 के बाद से पलक झपकते ही अपनी मेहनत की कमाई और जीवन भर की बचत के 814.81 करोड़ रुपये खो दिए हैं। इस तरह हर दिन 115 यानी हर एक घंटे पर पांच लोग ठगे गए।

सीआईडी- साइबर क्राइम यूनिट ने पिछले तीन वर्षों में दूरसंचार विभाग (DoT) को ठगों द्वारा उपयोग किए गए 30,019 मोबाइल नंबरों को ब्लॉक करने को कहा है- यह प्रति दिन 27 मोबाइल नंबर या प्रति घंटे एक होता है। इस तरह जहां एक घंटे में पांच लोग ठगे जाते हैं, वहीं ‘धोखाधड़ी’ वाला एक ही मोबाइल नंबर ब्लॉक किया जाता है। ऐसे में साइबर क्राइम को कंट्रोल  करना बड़ी चुनौती बन जाता है। सीआईडी-क्राइम के अधिकारियों के मुताबिक, इनमें से ज्यादातर नंबर मेवात, अलवर, भरतपुर, मेरठ, गाजियाबाद, नादिया और पश्चिम बंगाल के ग्रामीण इलाकों में दर्ज हैं।

DoT गुजरात के डायरेक्टर सुमित मिश्रा ने कहा, “पिछले साल ही गुजरात से रिपोर्ट किए गए लगभग 30,000 संदिग्ध मोबाइल नंबरों के लिए पुन: सत्यापन (re-verification) की प्रक्रिया की गई थी। इनमें से 75% से अधिक को बेकार कर दिया गया था। इनमें से अधिकांश नंबर राज्य के बाहर रजिस्टर्ड थे। 2022 में गुजरात में देशभर के रिपोर्ट किए गए लगभग 1,500 फोन नंबरों को ब्लॉक कर दिया गया था। उन्होंने कहा, “देश भर में संदिग्ध मोबाइल नंबरों का विवरण गुजरात के साइबर क्राइम सेल और सीआईडी क्राइम से मिला है।”

साइबर-ऑपरेशन के विशेषज्ञ और साइबर क्राइम पर राजस्थान पुलिस के सलाहकार मुकेश चौधरी ने कहा, “ठग दूसरे राज्य से संबंधित गिरोहों से पहले से एक्टिव सिम कार्ड खरीदते हैं और फिर दूसरे राज्य में सक्रिय गिरोह से ई-वॉलेट की लिस्ट खरीदते हैं। वे जानते हैं कि पुलिस 30,000 रुपये की धोखाधड़ी के लिए 1,000 किलोमीटर की यात्रा नहीं करेगी।”

महामारी वर्ष 2020 के दौरान नागरिकों द्वारा राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीसीआरपी) की हेल्पलाइन ‘1930’ और विभिन्न राज्य पुलिस स्टेशनों पर 23,055 शिकायतें दर्ज की गईं। इनमें वित्तीय धोखाधड़ी की 95.29 करोड़ रुपये थी। अगले वर्ष शिकायतों की संख्या बढ़कर 28,908 हो गई और धोखाधड़ी की राशि 366.88 करोड़ रुपये हो गई। हालांकि, 2022 में शिकायतें दोगुनी से अधिक बढ़कर 66,997 हो गईं और धोखाधड़ी की राशि 306.4 करोड़ रुपये पहुंच गई।

2023 के पहले 34 दिनों में गुजरात को हर दिन साइबर अपराधियों के हाथों 1.37 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। जबकि 2022 में यह आंकड़ा 83.94 लाख रुपये और उससे एक साल पहले सिर्फ एक करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक था।

अतिरिक्त डीजीपी, सीआईडी (अपराध और रेलवे), आरबी ब्रह्मभट्ट ने कहा कि साइबर अपराध को रोकने के लिए लोगों में जागरूकता ही एकमात्र तरीका है। उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस साइबर अपराध के मामलों के बारे में लगातार जागरूकता फैला रही है। लेकिन घटनाएं भी लगातार हो रही हैं।

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