पिछले दो वर्षों से गोंडल तालुका के सुल्तानपुर के पास शेर दिखने की घटनाये लगातार हो रही है। शेर भादर बांध क्षेत्र में इस तरह आने जाने लगे है जेसे उनके लिए वह जंगल हो| सुल्तानपुर के सीमा क्षेत्र में, पुरानी सड़क पर देवलका के पास एक खेत में एक शेर और उसके दो बच्चे दिखाई दिए है। सिंह को देख कर गांव वालो में डर का माहोल है|
सुल्ल्तानपुर गांव के लोगो का कहना है की शेर घायल लग रहा है, उसे चलने में भी दिक्कत हो रही है| गांव के लोगो द्वारा इसकी जानकारी वन विभाग को दे दी है|
गोंडल पंथ में दिवाली के दौरान तीन शेर देखे गए। सबसे पहले शेरो ने वासवद, राणावा, मोटादवा सहित गोंडल के गांवों में डेरा डाला और इन गांवों में आवारा और खेत के जानवरों को मार दिया। बाद में शेरो ने कोटदासंगनी पंथ में डेरा डाला और यहां के गांवों में मवेशियों का वध भी किया। पिछले हफ्ते से वह गोंडल के सिंधावदर इलाके के लुनिवाव में डेरा डालकर जानवरों को मार रहे है| जूनागढ़ से ट्रेकिंग टीम को बुलाया गया क्योंकि शेरों की संख्या बढ़ रही थी और एक हफ्ते पहले तीन शेरों को वन विभाग ने 5 घंटे की मशक्कत के बाद पिंजरे में बंद किया था। वन विभाग ने पिंजरे में बंद शेरों को सासन गिर भेजा गया।