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शिवांश को गोद लेने की प्रक्रिया में लग सकते हैं 4-5 महीने

| Updated: November 11, 2021 5:09 pm

पिछले महीने गुजरात के गांधीनगर में एक मंदिर के बाहर 10 महीने के बच्चे को छोड़े जाने की घटना ने पूरे गुजरात को हिला दिया था| 10 महीने के बच्चे के साथ हुए दिल दहला देने वाले अपराध की खबर और उसके बाद की खबर हवा में फैलने लगी और चर्चा का विषय बन गई थी।

बच्चे को कथित तौर पर उसके पिता सचिन ने रूप में पेथापुर में स्वामीनारायण मंदिर की गौशाला के बाहर छोड़ दिया था। बच्चे को छोड़ने से पहले पिता ने अपनी लिव-इन पार्टनर हीना की हत्या कर दी थी| हालांकि गांधीनगर पुलिस कुछ ही घंटों में मामले का पर्दाफाश करने में सफल रही और सचिन को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था।

सचिन अहमदाबाद की एक फर्म में काम करते थे, जहां वह अपने माता-पिता, पत्नी और एक बच्चे के साथ रहते थे, जबकि बाद में उन्होंने 2019 में वडोदरा स्थित एक कंपनी में काम किया, जहां वह हीना के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में थे।

गांधीनगर के सचिन और जूनागढ़ के मेंहदी उर्फ ​​हीना दो साल से लिव-इन में रह रहे थे। मेंहदी सामाजिक हैसियत पाने के लिए आतुर थी और समझौता करने के बाद भी सचिन से अनबन हो जाती थी। जिसकी वजह से सचिन दीक्षित, जिन्होंने शिवांश को छोड़ दिया था, उसने ही अपनी प्रेमिका और शिवांश की मां मेंहदी का गला घोंट के हत्या की थी।

हालांकि इस मामले में बच्चे को लेकर अभी भी नए दावे सामने आ रहे हैं| मिली जानकारी के मुताबिक इस मामले में एक बड़ा मोड़ आया है जिसमें शिवांश के पिता सचिन ने बच्चे का दावा खारिज कर दिया है| इस बच्चे को गोद लेने की पूरी प्रक्रिया केंद्रीय एजेंसी द्वारा की जाएगी जिसमें शिवांश को गोद लेने की प्रक्रिया में करीब 4-5 महीने लग सकते हैं।

शिवांश को गोद लेने के लिए आगे आने वाले अभिभावक के गहन सत्यापन के बाद ही गोद लिया जाएगा। परित्यक्त शिवांश को फिलहाल ओधव में रखा गया है जहां उसकी पूरी देखभाल की जाती है।

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