ब्रांड फाइनेंस की मोस्ट वैल्यूएबल इंडियन ब्रांड्स 2025 रैंकिंग में अडानी ग्रुप ने भारत का सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला ब्रांड बनने का गौरव हासिल किया है। ग्रुप की ब्रांड वैल्यू 82% उछलकर 6.46 अरब डॉलर तक पहुंच गई, जो 2024 में 3.55 अरब डॉलर थी। यह 2.91 अरब डॉलर की बढ़ोतरी पिछले दो वर्षों की तुलना में बड़ी छलांग मानी जा रही है।
ब्रांड फाइनेंस के मुताबिक, अडानी ग्रुप की यह शानदार बढ़त उसके आक्रामक और एकीकृत इन्फ्रास्ट्रक्चर फोकस, हरित ऊर्जा के बढ़ते लक्ष्यों और प्रमुख हितधारकों के बीच ब्रांड इक्विटी में सुधार का परिणाम है। इस ग्रोथ के चलते अडानी की रैंकिंग 16वें स्थान से बढ़कर 13वें स्थान पर आ गई है।
ब्रांड फाइनेंस ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “अडानी ग्रुप इस साल रैंक की गई भारतीय ब्रांड्स में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला ब्रांड बनकर उभरा है, जिसकी ब्रांड वैल्यू में 82% की बढ़ोतरी दर्ज हुई है।”
ब्रांड फाइनेंस, जो लंदन स्थित विश्व की अग्रणी ब्रांड वैल्यूएशन कंसल्टेंसी है, अपनी वार्षिक रैंकिंग के लिए ब्रांड स्ट्रेंथ इंडेक्स (उपभोक्ता धारणाएं और व्यवहारिक इनसाइट्स), ब्रांड इम्पैक्ट (रॉयल्टी रेट विश्लेषण), और फोरकास्ट रिवेन्यूज (भविष्य की वित्तीय योगदान का अनुमान) जैसे मापदंडों का इस्तेमाल करता है।
2025 के लिए इंडिया 100 रैंकिंग में शामिल सभी ब्रांड्स की कुल वैल्यू अब 236.5 अरब डॉलर तक पहुंच गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की अनुमानित 6–7% जीडीपी ग्रोथ (वित्त वर्ष 2025–26 में), मजबूत पूंजीगत निवेश, घरेलू मांग और सार्वजनिक-निजी भागीदारी से शीर्ष भारतीय ब्रांड्स को वैश्विक चुनौतियों के बीच नए अवसरों का लाभ उठाने का मौका मिलेगा।
टाटा ग्रुप लगातार भारत का सबसे मूल्यवान ब्रांड बना हुआ है, जिसकी वैल्यू 10% बढ़कर 31.6 अरब डॉलर हो गई। रिपोर्ट में टाटा की मल्टी-सेक्टर मौजूदगी और इलेक्ट्रॉनिक्स, ईवी, सेमीकंडक्टर्स, एआई और रिन्यूएबल्स जैसे क्षेत्रों में रणनीतिक निवेश को इसकी सफलता की वजह बताया गया है।
इन्फोसिस ने 15% बढ़ोतरी के साथ 16.3 अरब डॉलर की वैल्यू पर दूसरा स्थान बरकरार रखा और आईटी सर्विसेज सेक्टर में अपनी लीडरशिप कायम रखी। एचडीएफसी ग्रुप, जिसने एचडीएफसी लिमिटेड के साथ मर्जर के बाद वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में अपनी ताकत बढ़ाई है, 37% बढ़त के साथ 14.2 अरब डॉलर पर तीसरे स्थान पर रहा।
एलआईसी ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए 35% बढ़ोतरी के साथ 13.6 अरब डॉलर की वैल्यू दर्ज की और चौथे स्थान पर रहा। वहीं एचसीएलटेक 17% बढ़कर 8.9 अरब डॉलर पहुंच गया और 2024 की तुलना में एक रैंक ऊपर आठवें स्थान पर रहा।
लार्सन एंड टुब्रो ग्रुप 3% बढ़ोतरी के साथ 7.4 अरब डॉलर की वैल्यू पर नौवें स्थान पर कायम रहा। कंपनी ने हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग, रिन्यूएबल्स और सेमीकंडक्टर्स में अपने कदम मजबूत किए हैं। महिंद्रा ग्रुप ने भी 9% बढ़त के साथ 7.2 अरब डॉलर पर 10वां स्थान हासिल किया, जो टेक्नोलॉजी और इंजीनियरिंग इनोवेशन के चलते संभव हुआ।
इस बीच, ताज होटल्स लगातार चौथे साल भारत का सबसे मजबूत ब्रांड बना रहा। इसकी ब्रांड स्ट्रेंथ इसके अंतरराष्ट्रीय विस्तार और प्रीमियम सेवा गुणवत्ता पर आधारित है। एशियन पेंट्स भारत का दूसरा सबसे मजबूत ब्रांड बना और दुनिया का सबसे मजबूत पेंट्स और कोटिंग्स ब्रांड भी रहा। अमूल ने तीसरे सबसे मजबूत भारतीय ब्रांड का स्थान हासिल किया।
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