नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा है कि एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) के तकनीकी विशेषज्ञों के साथ मिलकर 25 जून 2025 को एआई 171 विमान के फ्रंट ब्लैक बॉक्स के क्रैश-प्रोटेक्टेड मेमोरी मॉड्यूल से डेटा निकालने में सफलता पाई है। यह ब्लैक बॉक्स इसी महीने सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया फ्लाइट AI 171 का है।
मंत्रालय के अनुसार, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) दोनों का विश्लेषण वर्तमान में जारी है ताकि दुर्घटना से पहले की घटनाओं का क्रम समझा जा सके और विमानन सुरक्षा को बेहतर बनाया जा सके।
भारत, जो 1944 के आईसीएओ शिकागो कन्वेंशन का हस्ताक्षरकर्ता है, विमान दुर्घटनाओं की जांच ICAO अनुबंध 13 और एयरक्राफ्ट (इंवेस्टिगेशन ऑफ एक्सिडेंट्स एंड इंसिडेंट्स) रूल्स 2017 के तहत करता है। ऐसी जांच के लिए AAIB को अधिकृत प्राधिकरण नियुक्त किया गया है।
दुर्घटना के तुरंत बाद AAIB ने 13 जून 2025 को निर्धारित मानकों के अनुसार एक बहु-विषयक टीम गठित कर जांच शुरू कर दी। अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के अनुसार गठित इस टीम का नेतृत्व DG AAIB कर रहे हैं। टीम में एविएशन मेडिसिन विशेषज्ञ, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) अधिकारी और विमान के निर्माण और डिजाइन वाले देश (अमेरिका) की सरकारी जांच एजेंसी NTSB के प्रतिनिधि शामिल हैं।
CVR और FDR दोनों रिकॉर्डर बरामद कर लिए गए थे—एक 13 जून 2025 को दुर्घटनास्थल पर एक इमारत की छत से और दूसरा 16 जून 2025 को मलबे से। इनकी सुरक्षित हैंडलिंग, स्टोरेज और ट्रांसपोर्टेशन के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी किए गए थे। अहमदाबाद में इन्हें 24×7 पुलिस सुरक्षा और CCTV निगरानी में रखा गया।
इसके बाद 24 जून 2025 को भारतीय वायु सेना (IAF) के विमान से ब्लैक बॉक्सों को पूरी सुरक्षा के साथ अहमदाबाद से दिल्ली लाया गया।
मंत्रालय ने आगे बताया कि 24 जून को फ्रंट ब्लैक बॉक्स DG AAIB के साथ AAIB लैब, दिल्ली पहुंचा। उसी दिन रियर ब्लैक बॉक्स भी दूसरी AAIB टीम द्वारा लाया गया।
24 जून की शाम को DG AAIB के नेतृत्व में AAIB और NTSB के तकनीकी सदस्यों की टीम ने डेटा एक्सट्रैक्शन प्रक्रिया शुरू की।
फ्रंट ब्लैक बॉक्स के क्रैश प्रोटेक्शन मॉड्यूल (CPM) को सुरक्षित रूप से निकाला गया और 25 जून को मेमोरी मॉड्यूल को सफलतापूर्वक एक्सेस कर उसका डेटा AAIB लैब में डाउनलोड किया गया।
CVR और FDR के डेटा का विश्लेषण जारी है। इन प्रयासों का उद्देश्य दुर्घटना के घटनाक्रम का पुनर्निर्माण करना और उन कारकों की पहचान करना है जिन्होंने दुर्घटना में योगदान दिया, ताकि विमानन सुरक्षा को मजबूत किया जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
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