अहमदाबाद: अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (APSEZ), जो भारत की सबसे बड़ी एकीकृत परिवहन उपयोगिता कंपनी है, ने 15 वर्षीय नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर (NCD) इश्यू के ज़रिए 5,000 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड धनराशि जुटाई है। यह अब तक का कंपनी का सबसे बड़ा घरेलू बॉन्ड सौदा माना जा रहा है।
यह बॉन्ड पूरी तरह से भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) द्वारा सब्सक्राइब किया गया है, जिसकी वार्षिक ब्याज दर 7.75% तय की गई है। इसे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर सूचीबद्ध किया जाएगा। इस ऐतिहासिक डील से APSEZ की औसत ऋण परिपक्वता अवधि 4.8 साल से बढ़कर 6.2 साल हो गई है, जो भारतीय घरेलू पूंजी बाज़ार के इतिहास में सबसे लंबी अवधियों में से एक है।
इस बॉन्ड से प्राप्त राशि का उपयोग कंपनी के अमेरिकी डॉलर बॉन्ड के प्रस्तावित बायबैक के लिए किया जाएगा, जिस पर 31 मई 2025 को बोर्ड की मंजूरी मिलनी बाकी है।
APSEZ के पूर्णकालिक निदेशक और CEO, अश्विनी गुप्ता ने इस उपलब्धि को केवल वित्तीय लेन-देन न मानकर, कंपनी की सुनियोजित पूंजी प्रबंधन योजना का हिस्सा बताया।
उन्होंने कहा, “यह केवल फंड जुटाने की कवायद नहीं है, बल्कि यह हमारी रणनीतिक पूंजी प्रबंधन योजना का सक्रिय निष्पादन है, जो कम लीवरेज बनाए रखने, ऋण परिपक्वता अवधि बढ़ाने, लागत घटाने और वित्तपोषण स्रोतों में विविधता लाने पर केंद्रित है। यह योजना APSEZ के दीर्घकालिक विज़न का समर्थन करती है, जिसमें दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत परिवहन उपयोगिता बनने का लक्ष्य है।”
कंपनी का लक्ष्य वित्त वर्ष 2030 तक 1 अरब टन कार्गो संभालना है, जो वित्त वर्ष 2025 की तुलना में दोगुना है। भारत में अपने मजबूत पोर्ट ऑपरेशन्स के अलावा, कंपनी अपने लॉजिस्टिक्स और मरीन कारोबार का भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार कर रही है — श्रीलंका, इज़राइल और तंजानिया जैसे देशों में इसके प्रमुख प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं।
लंबी अवधि के पूंजी तक पहुंच और मजबूत क्रेडिट रेटिंग (‘AAA/स्थिर’) के साथ, APSEZ भविष्य की विकास योजनाओं, नवाचार, तकनीकी उन्नयन और संचालन दक्षता बढ़ाने के लिए वित्तीय लचीलापन हासिल कर रही है।
कंपनी
अडानी ग्रुप का हिस्सा APSEZ, भारत में 15 पोर्ट्स और टर्मिनलों का संचालन करता है, जो देश के कुल पोर्ट वॉल्यूम का लगभग 27% संभालते हैं। अपनी अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति बढ़ाते हुए, कंपनी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के पुनर्गठन में अहम भूमिका निभा रही है और “पोर्ट्स टू लॉजिस्टिक्स” प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से एंड-टू-एंड परिवहन समाधान प्रदान कर रही है।