अहमदाबाद में राजीव गांधी भवन में कांग्रेस कार्यालय में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के कार्यकर्ताओं द्वारा तोड़फोड़ किए जाने के एक दिन बाद, राहुल गांधी ने भगवा संगठन पर करारा हमला किया। X पर उन्होंने कहा, “हिंसा और नफरत फैलाने वाले भाजपा के लोग हिंदू धर्म के मूल सिद्धांतों को नहीं समझते।”
उन्होंने लिखा, “गुजरात कांग्रेस कार्यालय पर हुआ कायरतापूर्ण और हिंसक हमला भाजपा और संघ परिवार के बारे में मेरी बात को और पुख्ता करता है। हिंसा और नफ़रत फैलाने वाले भाजपा के लोग हिंदू धर्म के मूल सिद्धांतों को नहीं समझते। गुजरात की जनता उनके झूठ के पार साफ देख सकती है और भाजपा सरकार को निर्णायक सबक सिखाएगी। मैं फिर से कह रहा हूं – INDIA गुजरात में जीतने वाला है!”
VHP कार्यकर्ताओं ने न केवल कार्यालय में तोड़फोड़ की, बल्कि राहुल गांधी के पोस्टर और तस्वीरों पर काली स्याही भी छिड़की। यह कदम राहुल गांधी की उस टिप्पणी के जवाब में उठाया गया, जिससे सदन में हिंदू धर्म और हिंसा की धारणाओं पर बहस हो गई थी।
सोमवार को संसद में अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि “जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, वे 24 घंटे हिंसा और नफरत फैलाने में लगे रहते हैं” इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सत्तारूढ़ एनडीए सरकार ने तीखी आलोचना की।
मोदी ने कथित तौर पर हिंदू समुदाय का अपमान करने के लिए गांधी की निंदा की और कहा, “पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना एक गंभीर मुद्दा है।”
मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राहुल गांधी के भाषण के कुछ अंशों को हटा दिया था, जिससे राहुल गांधी काफी नाराज थे। राहुल गांधी ने स्पीकर को पत्र लिखकर पूछा था कि उन्होंने किस आधार पर उनके भाषण के कुछ अंश हटाये हैं।
राहुल ने अपने पत्र में भाजपा नेता अनुराग ठाकुर के भाषण का भी हवाला दिया। राहुल गांधी ने दावा किया कि अनुराग ठाकुर के भाषण में आरोप भरे होने के बावजूद उनके भाषण से केवल एक शब्द हटाया गया। उन्होंने स्पीकर पर ‘चुनिंदा तरीके से भाषण हटाने’ का आरोप लगाया।
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