अहमदाबाद — अहमदाबाद ग्रामीण पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन्स ग्रुप (SOG) ने सोमवार को अहमदाबाद जिले के बावला इलाके में एक गेस्टहाउस से महिला भ्रूण हत्या से जुड़े अवैध गर्भपात रैकेट का पर्दाफाश किया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मदद से की गई।
मुख्य आरोपी हेमलता दर्जी (40 वर्ष), जो खुद को नर्स बताती है, के पास किसी भी प्रकार की वैध चिकित्सा योग्यता नहीं पाई गई। पुलिस के मुताबिक, दर्जी पिछले दस सालों से बावला और ढोलका के निजी अस्पतालों में बतौर नर्स काम कर चुकी है और अपने अनुभव का उपयोग कर अवैध गर्भपात करती थी।
पुलिस ने दर्जी और उसकी सहायक को एक महिला के साथ रंगेहाथों पकड़ा, जो गर्भपात के लिए वहां आई थी। इसके अलावा, एक व्यक्ति को भी हिरासत में लिया गया है।
जांच में पता चला है कि आरोपी का कई अस्पतालों और सोनोग्राफी केंद्रों से संपर्क था, जहां से उसे भ्रूण के लिंग की जानकारी मिलती थी। पुलिस को शक है कि वह विशेष रूप से महिला भ्रूण की पहचान कर गर्भपात करती थी। उसने गेस्टहाउस को सुरक्षित ठिकाने के रूप में चुना था, ताकि किसी को शक न हो।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी के पास उन लोगों की सूची थी जो यह जानने के बाद गर्भपात कराना चाहते थे कि गर्भ में कन्या भ्रूण है। आरोपी प्रति मामले 10,000 से 50,000 रुपये तक वसूलती थी, जो सामने वाले की आर्थिक स्थिति पर निर्भर करता था। गर्भपात के लिए वह मौखिक दवाइयां या इंजेक्शन देती थी, और महिलाएं एक-दो दिन तक वहां रुकती थीं।
बावला पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) और गर्भपात चिकित्सा अधिनियम (Medical Termination of Pregnancy Act) के तहत एफआईआर दर्ज की है।
बावला पुलिस स्टेशन के निरीक्षक ए एन जानी ने बताया कि जांच का अगला चरण आरोपी के नेटवर्क की पहचान करना, वित्तीय रिकॉर्ड खंगालना और उन सोनोग्राफी केंद्रों की तलाश करना है जो अवैध लिंग परीक्षण में शामिल हो सकते हैं।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, यह अभियान जिलेभर में अवैध चिकित्सा प्रथाओं और महिला भ्रूण हत्या के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान का हिस्सा है। आने वाले दिनों में रैकेट से जुड़े अन्य लोगों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
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