अहमदाबाद: शहर में ज़मीन की खरीद-फरोख्त के मामले में अब तक का सबसे बड़ा सौदा हुआ है। इस एक सौदे ने सरकार को होने वाली स्टाम्प ड्यूटी की कमाई के भी सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
लुलु इंटरनेशनल शॉपिंग मॉल्स प्राइवेट लिमिटेड ने चांडखेड़ा इलाके में 66,168 वर्ग मीटर का एक विशाल प्लॉट 519.41 करोड़ रुपये में खरीदा है। इस सौदे से सरकारी खजाने को स्टाम्प ड्यूटी के तौर पर 31 करोड़ रुपये की भारी-भरकम आमदनी हुई है।
जानकारी के मुताबिक, इस बिक्री विलेख (सेल डीड) को शुक्रवार के दिन अहमदाबाद जिला कलेक्टर कार्यालय परिसर में स्थित साबरमती सब-रजिस्ट्रार के कार्यालय में निष्पादित किया गया।
साबरमती सब-रजिस्ट्रार कार्यालय के सूत्रों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि यह अहमदाबाद शहर में अब तक का सबसे बड़ा ज़मीन सौदा है। साथ ही, यह किसी एक सौदे से हासिल की गई सबसे ज़्यादा स्टाम्प ड्यूटी भी है।
राज्य के राजस्व विभाग के सूत्रों का कहना है, “अहमदाबाद शहर में पहले भी 300 से 400 करोड़ रुपये तक के बिक्री विलेख दर्ज किए गए हैं, लेकिन यह पहली बार है जब किसी ज़मीन के सौदे का दस्तावेज़ 500 करोड़ रुपये के आँकड़े को पार कर गया है।” इस एक डील ने सरकार को स्टाम्प ड्यूटी राजस्व के रूप में 31 करोड़ रुपये दिए हैं।
गौरतलब है कि अहमदाबाद नगर निगम (AMC) ने पिछले साल 18 जून को चांडखेड़ा में एसपी रिंग रोड पर स्थित इस प्लॉट की ऑनलाइन नीलामी की थी। एएमसी ने इसकी बेस प्राइस 76,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर तय की थी। इस नीलामी में लुलु इंटरनेशनल शॉपिंग मॉल्स प्राइवेट लिमिटेड ने 78,500 रुपये प्रति वर्ग मीटर की सबसे ऊँची बोली लगाकर इसे अपने नाम किया था।
हालांकि, बोली जीतने के बाद भी बिक्री विलेख को निष्पादित करने का मामला अटका हुआ था। इसका मुख्य कारण यह था कि एएमसी के पास कुल ज़मीन में से केवल 55,496 वर्ग मीटर का ही कब्ज़ा था, जबकि 10,672 वर्ग मीटर हिस्से पर कब्ज़ा मिलना अभी बाकी था।
ज़मीन के इस बचे हुए हिस्से पर उस समय भी खेती हो रही थी, जिसका मतलब था कि जब तक टाउन प्लानिंग स्कीम को प्राथमिक मंजूरी नहीं मिल जाती, तब तक एएमसी कानूनी तौर पर इसका कब्ज़ा नहीं ले सकती थी। इस पूरे काम में छह महीने का वक्त लग गया।
इसके बाद, लुलु इंटरनेशनल मॉल्स प्राइवेट लिमिटेड ने एएमसी को पत्र लिखकर कहा कि वे प्लॉट खरीदने के लिए ‘लीज डीड’ (पट्टा विलेख) के बजाय ‘सेल डीड’ (बिक्री विलेख) कराना चाहते हैं।
इस अनुरोध के बाद, एएमसी ने आवासीय या व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए बेचे जाने वाले भूखंडों के खरीदारों के साथ 99 साल की लीज डीड करने की अपनी पुरानी नीति को रद्द कर दिया और ऐसे भूखंडों के लिए सेल डीड निष्पादित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
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