नई दिल्ली: दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अमेज़न (Amazon) में एक बार फिर बड़े पैमाने पर छंटनी की तलवार लटक रही है। बुधवार, 15 अक्टूबर 2025 को सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी अपने मानव संसाधन (HR) विभाग और कुछ अन्य विभागों से लगभग 15% कर्मचारियों को निकालने की योजना बना रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस छंटनी का सबसे बड़ा असर अमेज़न के एचआर विभाग पर पड़ेगा, जिसे ‘पीपल एक्सपीरियंस टेक्नोलॉजी’ (PTX) टीम के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा, कंपनी के कंज्यूमर बिजनेस जैसे अन्य विभागों पर भी इसका कुछ प्रभाव देखने को मिल सकता है।
आपको बता दें कि अमेज़न के एचआर विभाग में विश्व स्तर पर 10,000 से अधिक लोग काम करते हैं। कंपनी यह कदम ऐसे समय में उठा रही है जब वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) उत्पादों और इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश कर रही है और अपने कर्मचारी लागत को कम करना चाहती है।
सिर्फ अमेज़न ही नहीं, पूरे IT सेक्टर में नौकरियों पर संकट
लेकिन अमेज़न अकेली ऐसी कंपनी नहीं है जो कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा रही है। AI के बढ़ते प्रभाव के बीच लागत कम करने और दक्षता बढ़ाने के लिए TCS, एक्सेंचर, माइक्रोसॉफ्ट, सेल्सफोर्स और गूगल जैसी कई बड़ी आईटी कंपनियां भी पुनर्गठन के नाम पर छंटनी कर रही हैं।
- TCS वित्तीय वर्ष 2025-26 में AI विस्तार योजनाओं और पुनर्गठन के बीच लगभग 12,000 कर्मचारियों की छंटनी कर रही है, जो उसके वैश्विक कार्यबल का लगभग 2% है।
- Wipro के मामले में, हालांकि कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि आईटी दिग्गज ने अपनी लागत दक्षता और उत्पादकता में सुधार के लिए 24,516 नौकरियां खत्म की हैं।
- वैश्विक आईटी सेवा कंपनी एक्सेंचर (Accenture) ने सितंबर 2025 में घोषणा की थी कि वह दुनिया भर में 11,000 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी करेगी।
- सेल्सफोर्स (Salesforce) के सीईओ मार्क बेनिओफ ने भी AI टूल्स के बढ़ते उपयोग के कारण 4,000 कस्टमर सपोर्ट कर्मचारियों की कटौती की है।
किन कंपनियों ने की कितनी छंटनी?
- टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS): अब तक 6,000 कर्मचारियों को निकाला है और अन्य 6,000 को निकालने की योजना है, जिससे कुल 12,000 नौकरियों (कार्यबल का 2%) की कटौती होगी।
- गूगल (Google): डिजाइन से संबंधित भूमिकाओं में 100 कर्मचारियों की छंटनी की है।
- एक्सेंचर (Accenture): अपने वैश्विक कार्यबल में से 11,000 कर्मचारियों को निकालने की प्रक्रिया में है।
- सेल्सफोर्स (Salesforce): लगभग 4,000 कस्टमर सपोर्ट कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है।
- माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft): अपने सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग व्यवसाय में 40% से अधिक यानी लगभग 4,000 नौकरियों में कटौती की है।
- आईबीएम (IBM): हाइब्रिड क्लाउड और AI व्यवसाय पर ध्यान केंद्रित करने के लिए लगभग 1,000 नौकरियों को समाप्त कर दिया है।
- कॉग्निजेंट (Cognizant): संगठन की संरचना को सरल बनाने के प्रयास में 3,500 कर्मचारियों की छंटनी की है।
- विप्रो (Wipro): लागत दक्षता और उत्पादकता में सुधार के लिए 24,516 नौकरियों में कटौती की है।
दुनिया भर की कई टेक कंपनियां अमेरिकी व्यापार के दबाव और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित H-1B वीजा शुल्क में वृद्धि की हालिया चिंताओं के कारण चुनौतियों का सामना कर रही हैं। इसके साथ ही नौकरियों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) द्वारा प्रतिस्थापित होने का खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि कई कंपनियां मानती हैं कि इंसानी कर्मचारियों की तुलना में AI से बेहतर उत्पादकता और दक्षता हासिल की जा सकती है।
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