नई दिल्ली: अमेरिका में ट्रंप प्रशासन द्वारा आप्रवासन पर की गई नवीनतम सख्ती के बाद, H-1B वीज़ा धारकों सहित गैर-स्थायी निवासियों (non-permanent residents) के लिए घर का सपना देखना लगभग नामुमकिन हो गया है। सरकार के एक नए नियम के कारण इन लोगों को मिलने वाले फेडरल हाउसिंग एडमिनिस्ट्रेशन (FHA) के होम लोन की संख्या लगभग शून्य हो गई है।
क्या है नया नियम?
आवास और शहरी विकास विभाग (Department of Housing and Urban Development – HUD) ने 26 मार्च को एक पत्र जारी कर यह घोषणा की थी कि 25 मई से गैर-स्थायी निवासियों को FHA-बीमित मॉर्गेज (FHA-insured mortgages) नहीं दिए जाएंगे।
एजेंसी ने अपने इस फैसले के पीछे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस प्रतिबद्धता का हवाला दिया, जिसमें “अमेरिकी नागरिकों और कानूनी स्थायी निवासियों के लिए आर्थिक अवसरों की रक्षा” करने की बात कही गई है। सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि FHA लोन जैसे संघीय लाभ केवल ग्रीन कार्ड धारकों को ही मिलें।
फैसले का दिखा तत्काल असर
इस नियम का असर तुरंत और बहुत बड़े पैमाने पर देखने को मिला। जॉन बर्न्स रिसर्च एंड कंसल्टिंग (JBREC) की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल में गैर-स्थायी निवासियों को दिए गए FHA लोन का हिस्सा 6 प्रतिशत था, जो जून में तेजी से घटकर 1 प्रतिशत से भी कम रह गया। जुलाई और अगस्त आते-आते यह आंकड़ा लगभग शून्य पर पहुंच गया।
JBREC के एलेक्स थॉमस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “मई में नियम बदलने के बाद गैर-स्थायी निवासियों को नए FHA मॉर्गेज मिलना लगभग बंद हो गया है।” उन्होंने यह भी बताया कि 2024 में कुल FHA लोन में ऐसे निवासियों की हिस्सेदारी लगभग 4 प्रतिशत थी, और फ्लोरिडा जैसे राज्यों में यह संख्या और भी अधिक थी।
पारंपरिक लोन ही एकमात्र सहारा, लेकिन शर्तें हैं कठिन
इस बदलाव के कारण H-1B वीज़ा धारकों और अन्य गैर-स्थायी निवासियों को अब घर खरीदने के लिए पारंपरिक (conventional) लोन पर निर्भर रहना पड़ रहा है। लेकिन इन लोन्स की शर्तें काफी सख्त होती हैं, जैसे:
- उच्च क्रेडिट स्कोर
- अमेरिका में प्रमाणित आय का रिकॉर्ड
- लंबे समय तक नौकरी का अनुभव
घर खरीदने की पहले से ही आसमान छूती लागतों के बीच, कई वीज़ा धारकों के लिए इन कड़ी शर्तों को पूरा करना एक बड़ी चुनौती बन गया है।
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह कदम उन प्रमुख रियल एस्टेट बाजारों में एंट्री-लेवल घर खरीदारों को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है, जो पहले से ही बिक्री में गिरावट और ओवरसप्लाई जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। JBREC के एरिक फिनिगन के अनुसार, “H-1B वीज़ा धारकों को लोन देने पर लगाया गया यह प्रतिबंध एंट्री-लेवल होमबाइंग सेगमेंट पर भारी दबाव डाल रहा है।”
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