comScore अवैध सट्टेबाजी से जुड़े विज्ञापनों पर लगाम लगाने के लिए 'एएससीआई' और ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री ने मिलाया हाथ - Vibes Of India

Gujarat News, Gujarati News, Latest Gujarati News, Gujarat Breaking News, Gujarat Samachar.

Latest Gujarati News, Breaking News in Gujarati, Gujarat Samachar, ગુજરાતી સમાચાર, Gujarati News Live, Gujarati News Channel, Gujarati News Today, National Gujarati News, International Gujarati News, Sports Gujarati News, Exclusive Gujarati News, Coronavirus Gujarati News, Entertainment Gujarati News, Business Gujarati News, Technology Gujarati News, Automobile Gujarati News, Elections 2022 Gujarati News, Viral Social News in Gujarati, Indian Politics News in Gujarati, Gujarati News Headlines, World News In Gujarati, Cricket News In Gujarati

Vibes Of India
Vibes Of India

अवैध सट्टेबाजी से जुड़े विज्ञापनों पर लगाम लगाने के लिए ‘एएससीआई’ और ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री ने मिलाया हाथ

| Updated: February 18, 2025 16:17

मुंबई। भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) ने मंगलवार को ऑफशोर संस्थाओं से अवैध सट्टेबाजी और जुए के विज्ञापनों के मुद्दे से निपटने के लिए ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री के साथ सहयोग का हाथ मिलाया है।

एएससीआई ने फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स (एफआईएफएस), ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (एआईजीएफ) और ई-गेमिंग फेडरेशन (ईजीएफ) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

इस समझौते का उद्देश्य उपभोक्ताओं को भ्रामक विज्ञापनों से बचाना है।

इस पहल के तहत, अवैध ऑफशोर सट्टेबाजी विज्ञापनों को ट्रैक करने और संबंधित मंत्रालयों को रिपोर्ट करने के लिए एक स्पेशल निगरानी सेल बनाया गया है।

यह सेल रियल-मनी गेमिंग (आरएमजी) विज्ञापनों का भी रिव्यू करेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे एएससीआई के विज्ञापन दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं।

इसका लक्ष्य अवैध विज्ञापनों को उजागर करना और आरएमजी इंडस्ट्री के भीतर अनुपालन सुनिश्चित करना है।

एएससीआई की सीईओ और महासचिव मनीषा कपूर ने कहा, “भारतीय उपभोक्ता ऑफशोर सट्टेबाजी और जुआ कंपनियों के कई विज्ञापनों के संपर्क में हैं, जिनकी भारत में कोई जवाबदेही नहीं है।”

उन्होंने कहा कि कई भारतीय हस्तियां भी ऐसे विज्ञापनों का हिस्सा रही हैं, क्योंकि देश के अधिकांश हिस्सों में जुए के विज्ञापन प्रतिबंधित हैं, इसलिए उनकी बड़े पैमाने पर मौजूदगी कानून का उल्लंघन है।

कपूर ने कहा, “एएससीआई ऐसे विज्ञापनों को आवश्यक कार्रवाई के लिए विनियामकों के समक्ष लाना चाहेगा। हम इंडस्ट्री के लिए एक स्पेशल निगरानी सेल बनाने के लिए स्व-नियामक के साथ काम करने की गेमिंग संघों की सक्रिय पहल का स्वागत करते हैं।”

जनवरी 2025 से, एएससीआई ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय को 413 ऑफशोर सट्टेबाजी विज्ञापनों को फ्लैग किया है।

इसके अलावा, एएससीआई के दिशानिर्देशों के संभावित उल्लंघन के लिए रियल-मनी गेमिंग से जुड़े 12 विज्ञापनों को रिव्यू किया गया है।

ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन के सीईओ रोलैंड लैंडर्स ने कहा, “सबसे पुराने और सबसे बड़े उद्योग महासंघ के रूप में, एआईजीएफ जिम्मेदार गेमिंग प्रथाओं की वकालत करने, ऑफशोर और अवैध सट्टेबाजी और जुए के खतरे को दूर करने में सबसे आगे रहा है।”

एएससीआई ने अप्रैल 2023 और मार्च 2024 के बीच 1,336 ऐसे ही विज्ञापनों को फ्लैग किया था, जिसके बाद मंत्रालय ने कुछ प्लेटफॉर्म के खिलाफ कार्रवाई की थी।

इसी अवधि के दौरान, एएससीआई ने 492 रियल-मनी गेमिंग विज्ञापनों की भी जांच की।

कई राज्यों में जुए और ऑफशोर सट्टेबाजी के खिलाफ सख्त कानून हैं, जिससे इन गतिविधियों के लिए विज्ञापन अवैध हो जाते हैं।

हालांकि, कौशल आधारित ऑनलाइन रियल-मनी गेम को अधिकांश राज्य कानूनों के तहत अनुमति दी जाती है।

इन खेलों का विज्ञापन किया जा सकता है, लेकिन कंपनियों को उपभोक्ताओं को गुमराह करने या जुए को आय के स्रोत के रूप में बढ़ावा देने से बचने के लिए सख्त दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए।

ई-गेमिंग फेडरेशन के सीईओ अनुराग सक्सेना ने कहा, “भारतीय नागरिकों को बेईमान ऑपरेटरों द्वारा वर्षों से ठगा जा रहा है। इससे उपभोक्ताओं, घरेलू उद्योग के साथ ही देश को नुकसान उठाना पड़ रहा है।”

(With inputs from IANS)

यह भी पढ़ें- गुजरात: छात्रा ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ पर दिया था जोरदार भाषण, 11 दिन बाद शिक्षक ने किया बलात्कार

Your email address will not be published. Required fields are marked *