- हर्ष सांघवी को राजस्व, जगदीश पंचाल को सड़क निर्माण के राज्य मंत्री का अतिरिक्त प्रभार
- कैबिनेट का दायित्व मुख्यमंत्री ने अपने पास रखा
- बीएल संतोष आज करेंगे सरकार और संगठन की समीक्षा
- राजेंद्र त्रिवेदी और पूर्णेश मोदी बने अपने विभाग के खराब प्रदर्शन का शिकार, मुख्यमंत्री ने खुद रखा कैबिनेट का दर्जा
- एक फोन और मंत्रियों के छिन गए विभाग
- मोदी – त्रिवेदी को भारी पड़ी अतिसक्रियता
गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat assembly election )की अधिसूचना जारी होने के तीन महिनें पहले गुजरात में भूपेंद्र पटेल की सरकार Bhupendra Patel’s government के दो वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों राजेंद्र त्रिवेदी तथा पूर्णेश मोदी (Rajendra Trivedi and Purnesh Modi) से क्रमशः राजस्व और सड़क निर्माण विभाग( Revenue and Road Construction Department )का प्रभार वापस ले लिया है. इन दोनों मंत्रियों के विभाग का राज्य मंत्री का प्रभार दो मंत्रियों को दिया गया है, जबकि कैबिनेट का दायित्व मुख्यमंत्री खुद संभालेंगे।यह बदलाव एक बार सरकार में सब ठीक नहीं होने की गवाही दे रहा है।
सरकार की ओर से किए गए बदलाव के अनुसार राजस्व विभाग राज्य मंत्री का प्रभार हर्ष सांघवी को दिया गया है और सड़क निर्माण का प्रभार राज्य मंत्री जगदीश पांचाल को दिया गया है. सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट सदस्यों को आवंटित विभागों में खराब प्रदर्शन के कारण दो वरिष्ठ मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया गया है। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री ने खुद इन दोनों विभागों के कैबिनेट का प्रभार अपने पास रखा है.
इतिहास खुद को दोहराता है , विजय रुपाणी सरकार की तरह मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल सरकार में भी दिल्ली के निर्देश पर अचानक बदलाव किया गया। भूपेंद्र पटेल की सरकार को 341 दिन हो गए हैं और ये बदलाव कैबिनेट विभागों में हुए हैं. वह 13 सितंबर 2021 को मुख्यमंत्री बने थे । राजस्व विभाग से हटाए गए कैबिनेट मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी वर्तमान में राजस्व के अलावा आपदा प्रबंधन, कानून और न्याय और संसदीय मामलों के प्रभारी हैं।
इसी तरह, पूर्णेश मोदी सड़क और भवन, परिवहन, नागरिक उड्डयन, पर्यटन और तीर्थ विकास के कैबिनेट मंत्री थे। गृहराज्य मंत्री हर्ष सांघवी का कद एक बार फिर बढ़ गया है ।
उन्हें राजस्व विभाग का राज्य स्तरीय प्रभार दिया गया है, जबकि जगदीश पंचाल को सड़क निर्माण का राज्य स्तरीय प्रभार दिया गया है.
गौरतलब है कि 24 सदस्यीय कैबिनेट में ज्यादातर विभागों की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी के पास है. मुख्यमंत्री के पास उद्योग, जीएडी, गृह, शहरी विकास, नर्मदा, बंदरगाह जैसे महत्वपूर्ण विभाग हैं जिनसे राजस्व और सड़क निर्माण की वृद्धि हुई है।
अति सक्रियता पड़ी भारी,दोनों मंत्री लगातार चर्चा में थे,…
ये दोनों मंत्री अपने विभाग में अति सक्रियता दिखा रहे थे, राजस्व मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने जिला कलेक्टर कार्यालयों का अचानक दौरा कर कई अधिकारियों का तबादला कर उनके खिलाफ कार्रवाई की है, जबकि सड़क एवं भवन विभाग के मंत्री पूर्णेश मोदी ने गड्ढों को भरने और मरम्मत के लिए अपना एप बनाया है. गुजरात में टूटी सड़कें और लोगों से शिकायत दर्ज कराने को कहा। यह पार्टी की छवि से अलग जा रहा था, जिसको लेकर स्थानीय संगठन में नाराजगी थी, साथ ही अधिकारियों को डायरेक्ट रिपोर्टिंग का निर्देश भी बड़ा कारण बना।
हाईकमान के कहने पर बदलने का फैसला…
गुजरात कैबिनेट में कई ऐसे मंत्री हैं जो अपने-अपने विभागों में मायूस नजर आ रहे हैं. वे अपने विभागों का प्रदर्शन नहीं दे सकते। पिछली कैबिनेट बैठक में, मुख्यमंत्री ने अपने साथी सदस्यों से प्रदर्शन करने का आग्रह किया, जिसके हिस्से के रूप में मंत्रिस्तरीय विभागों का यह फेरबदल हुआ है। चर्चा यह भी है कि विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही हाईकमान के कहने पर यह बदलाव किया गया है. कैबिनेट के अन्य सदस्यों को भी नुकसान हुआ है क्योंकि विभागों को अचानक छीन लिया गया था।
बीएल संतोष आज करेंगें समीझा
विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी एक्शन मोड में है. बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष के गुजरात पहुंचने से पहले ये बदलाव सांकेतिक हैं. कमलम में सीआर पाटिल की अध्यक्षता में भाजपा की रणनीति और कैबिनेट सदस्यों की अहम बैठक है जिसमें बाकी मंत्रियों के
प्रदर्शन पर चर्चा होगी अभी और अधिक बदलाव की संभावना है।
एक फोन से हो गया खेल
वड़ताल धाम में एक कार्यक्रम में सीआर पाटिल और पूर्णेश मोदी एक साथ थे, अचानक सी आर पाटिल का फोन बजा , पाटिल ने अपना भाषण छोटा किया और फोन पर बात की , यह फोन प्रधानमंत्री का बताया जा रहा है, पाटिल को निर्देश मिल चुके थे लेकिन उन्होंने पूर्णेश को कुछ नहीं बताया और देर शाम दोनों मंत्रियों के विभाग बदल दिए गए।
पूर्णेश मोदी ने किया एलान -गुजरात में बनेंगे 3760 . 64 करोड़ रुपये की लागत से 34 राष्ट्रीय राजमार्ग