गुवाहाटी। सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों की बहादुरी को हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान देश ने सलाम किया था, जब उन्होंने सेना के साथ मिलकर पाकिस्तान की 118 से अधिक पोस्ट तबाह कर दी थीं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने BSF के इस अभियान की सराहना की थी। लेकिन उन्हीं वीर जवानों को रेलवे ने एक ऐसी ट्रेन मुहैया कराई जिसकी हालत देखकर जवानों ने उसमें चढ़ने से इनकार कर दिया।
अमरनाथ यात्रा 2025 की ड्यूटी के लिए रवाना हो रहे BSF के करीब 1200 जवानों को एक स्पेशल ट्रेन से भेजा जाना था, लेकिन गाड़ियों की हालत इतनी जर्जर थी कि BSF अधिकारियों ने इसे “अमानवीय” बताया। दरवाजे-खिड़कियों में छेद, टूटे टॉयलेट, गंदगी और बिजली की व्यवस्था नदारद—ऐसी हालत में यात्रा को खतरे भरा बताया गया।
ट्रेन की हालत देख उड़े होश
जानकारी के अनुसार, गुवाहाटी फ्रंटियर की ऑपरेशन ब्रांच ने एनएफ रेलवे से एक स्पेशल ट्रेन की मांग की थी, जिसमें त्रिपुरा, गुवाहाटी और एम एंड सी फ्रंटियर की कुल 13 कंपनियों के जवान शामिल थे। यह ट्रेन 6 जून को त्रिपुरा के उदयपुर रेलवे स्टेशन से जम्मू तवी के लिए रवाना होनी थी।
जवानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कंपनी कमांडर ने ट्रेन का निरीक्षण किया, जहां हालात देखकर सभी स्तब्ध रह गए। खिड़कियां- दरवाजे जंग लगे और टूटे थे, टॉयलेट में गंदगी फैली थी, सीटों पर कॉकरोच दौड़ रहे थे और बिजली की कोई व्यवस्था नहीं थी। कुछ कोच तो महीनों से इस्तेमाल में ही नहीं लाए गए थे।
BSF की आपत्ति के बाद मिली नई ट्रेन
BSF अधिकारियों ने इस स्थिति की शिकायत उच्च अधिकारियों से की। BSF की तरफ से जबरदस्त आपत्ति के बाद रेलवे ने 6 जून की ट्रेन कैंसिल कर दी और 4 दिन बाद दूसरी ट्रेन उपलब्ध कराई। लेकिन इस देरी की वजह से अमरनाथ ड्यूटी के लिए जवानों की तैनाती भी प्रभावित हुई। पहले उन्हें 12 जून तक कश्मीर में तैनात किया जाना था, लेकिन अब इसमें देरी तय है।
रेलवे के एनएफआर जोन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि BSF की आपत्ति को गंभीरता से लेते हुए ट्रेन बदली गई है।
यह भी पढ़ें- सरकार का बड़ा कदम: एयर कंडीशनर की तापमान सीमा होगी 20°C से 28°C के बीच, नया नियम जल्द