अहमदाबाद की एक हैरतअंगेज घटना कई कामकाजी दंपतियों को डरा सकती है। जी हां, शहर में एक बच्ची की मानव तस्करी के आरोप में एक पूर्णकालिक केयरटेकर को गिरफ्तार किया गया है।
अभिजीत सेन और उनकी पत्नी विशुद्ध कामकाजी दंपती हैं। उन्होंने अपनी 11 महीने की नवजात बच्ची के लिए बिंदू शर्मा नामक महिला को आया (केयरटेकर) के रूप में काम पर रखा। कामकाजी माता-पिता ने न केवल एक मान्यता प्राप्त घरेलू सहायक एजेंसी से मदद ली, बल्कि बच्ची रिया (उसका असली नाम नहीं) की देखभाल के लिए प्रति माह 18,500 रुपये का भुगतान भी कर रहे थे। आया पढ़ी-लिखी थी, इसलिए उसकी उपस्थिति में रिया काफी खुश दिखाई दे रही थी। बंगाली दंपती ने रखने से पहले आया के पते का सत्यापन किया था और उसके घर के पते और अन्य विवरणों का भी भौतिक सत्यापन किया था।
बिंदू को पिछले तीन महीने से काम पर रखा गया था। तालमेल और व्यवहार में सहजता आ जाने के बाद माता-पिता अहमदाबाद के मोटेरा इलाके में स्थित पॉश सोलारिस अपार्टमेंट में रिया को आया के पास छोड़कर ऑफिस जाने लगे। सेन दंपती आईटी पेशेवर हैं। जहां पत्नी नौकरी करती हैं, वहीं पति की अपनी सॉफ्टवेयर कंपनी है।
अहमदाबाद पुलिस के अनुसार, अभिजीत काम पर थे जब उन्हें बंगाल पुलिस का फोन आया। बंगाल पुलिस ने मानव तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया था और उसे एक नवजात शिशु की तस्वीर मिली थी। कथित तौर पर एक बंगाली दंपती को “अहमदाबाद की एक बंगाली दंपती की ओर से गोद लेने के लिए इस बच्ची की पेशकश की गई थी। बच्ची की मां का नाम बिंदू शर्मा और पिता का नाम अमित शर्मा बताया गया था।
डीसीपी विजय पटेल के मुताबिक, उन्हें बंगाल पुलिस की ओर से सोलारिस वाले पते और बेबी रिया की तस्वीर के साथ फोन आया। जो बंगाली दंपती गोद लेने के लिए तैयार थे, वे बहुत समझदार और सावधान थे, क्योंकि रिया की “माँ” बिंदु शर्मा ने एक बार बच्ची के जन्म की तारीख को लेकर भ्रमित कर दिया था। जलपाईगुड़ी में रहने वाले बंगाली दंपती ने अहमदाबाद पुलिस से इस बात की पुष्टि कराने के लिए बंगाल पुलिस से संपर्क किया कि क्या वे शहर से जिस बच्ची को गोद ले रहे हैं, उसे उसके माता-पिता कानूनी तरीके से दे रहे हैं।
यहां बंगाल और अहमदाबाद पुलिस दोनों की सराहना की जानी चाहिए कि उन्होंने सच्चाई का पता लगाने के लिए तत्काल कार्रवाई की। सच कड़वा था। बिंदु शर्मा ने खुद को जहांन बेबी रिया की मां के रूप में बता रखा था, वहीं उसके पति अमित रिया के पिता के रूप में पेश किए जा रहे थे। उन्होंने एक दलाल से संपर्क किया और कमीशन लेकर बंगाली दंपती को बच्ची को “बेच” डाला।
अहमदाबाद पुलिस ने तुरंत अभिजीत सेन को फोन किया और पूछा कि क्या वह बेबी रिया के पिता हैं? जब उन्होंने हां कहा, तो पुलिस ने पूछा कि क्या उन्होंने अपने बच्ची को गोद देने का प्रस्ताव रखा है? हैरान अभिजीत ने कहा- नहीं। पुलिस ने उन्हें लड़की की तस्वीर भेजी। बेटी की तस्वीर देखकर अभिजीत चौंक गए और घर की ओर दौड़ पड़े। पुलिस भी उनके साथ गई।
बिंदू शर्मा को उनके घर पर ही पकड़ लिया गया। अगर पुलिस ने समय पर अभिजीत को फोन नहीं किया होता और वह पुलिस के साथ घर नहीं पहुंचे होते, तो बिंदु भाग जाती। बिंदु के पास से पश्चिम बंगाल के लिए ट्रेन का टिकट भी जब्त किया गया। दरअसल वह बच्ची के साथ ट्रेन पकड़ने वाली थी, लेकिन उससे दो घंटे पहले ही गिरफ्तार कर ली गई।
अधिक ब्योरे का इंतजार है। पुलिस उस एजेंसी की भी जांच करेगी, जो घरों में आया मुहैया कराती है। और, जिसने सेन परिवार के लिए बिंदू की सिफारिश की थी। बता दें कि बिंदू भी पश्चिम बंगाल से है। बिंदू और उसके पति अमित ने महाराष्ट्र के दलाल प्रशांत कांबले से संपर्क किया था, जिसने गोद लेने के नाम पर बच्ची की बिक्री को अंतिम रूप दिया था। बच्चों और नाबालिगों की मानव तस्करी के मामले में कांबले पहले भी जेल में रह चुका है।