चौधरी समाज ने समर्थन का फैसला विपुल पर छोड़ा

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चौधरी समाज ने समर्थन का फैसला विपुल पर छोड़ा

| Updated: November 16, 2022 18:35

उत्तरी गुजरात में 30 से अधिक विधानसभा सीटों पर असर डालने वाले चौधरी समाज ने किसी पार्टी को समर्थन देने या नहीं देने को लेकर बड़ा फैसला किया है। उसने विधानसभा चुनावों के लिए अपनी राजनीतिक निष्ठा (political allegiance) अभी जाहिर नहीं की है। समाज ने इसके लिए इस महीने के अंत में डेयरी नेता विपुल चौधरी के जेल से बाहर आने का इंतजार करने का फैसला किया है।

इस बीच, चुनाव से पहले शक्ति प्रदर्शन में अंजना चौधरी समुदाय के लगभग दो लाख सदस्य मंगलवार को गांधीनगर के चरदा गांव में जमा हुए और पूर्व गृह मंत्री और दूधसागर डेयरी के पूर्व अध्यक्ष विपुल चौधरी को समर्थन देने का वादा किया, जो वर्तमान में जेल में है। बता दें कि दूधसागर डेयरी के अध्यक्ष के रूप में 800 करोड़ रुपये की कथित धांधली (irregularities) के लिए विपुल को सितंबर 2022 में गिरफ्तार किया गया था।

1,253 गांवों से समुदाय के लगभग दो लाख सदस्य हैं। ये बड़े पैमाने पर खेती और दूध उत्पादन करते हैं। एक साल पहले विपुल द्वारा गठित अर्बुदा सेना के बैनर तले वे सभी जमा हुए थे। मौका था विपुल के पिता और दूधसागर डेयरी के फाउंडर मानसिंह चौधरी की 103वीं जयंती का।

विपुल चौधरी के करीबी सहयोगी और निकटवर्ती मेहसाणा जिले में दूधसागर डेयरी के पूर्व अध्यक्ष मोघजी चौधरी ने कहा, “विपुल भाई भाजपा के सदस्य बने हुए हैं, लेकिन हमें आगामी चुनावों के लिए राजनीतिक रुख के बारे में नहीं बताया गया है। वैसे अर्बुदा सेना में भाजपा, कांग्रेस और आप के सदस्य हैं। फिर भी हम सभी उनके फैसले का पालन करेंगे। ” उन्होंने कहा, “उन्होंने हमें निर्देश नहीं दिया है कि वह चुनाव लड़ेंगे। वह हमारे मुखिया हैं और उनका जो भी फैसला होगा, हम उस पर कायम रहेंगे।” उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि विपुल भाई 21 नवंबर को जेल से बाहर आ जाएंगे।’

यह पूछे जाने पर कि कुछ लोगों को मंच से राजनीतिक बातें करने की अनुमति क्यों नहीं दी गई, मोघजी ने कहा, “मानसिंह चौधरी की जयंती मनाने का यह एक सामाजिक कार्यक्रम था। यह कोई राजनीतिक मंच नहीं था। इसलिए अगर कोई कुछ भी कहता, तो यह अनुचित होता। हम पिछले दो महीने से विपुल चौधरी की अनुपस्थिति में इस संगठन का संचालन कर रहे हैं। इसलिए यह देखना हमारी जिम्मेदारी है कि कुछ भी गलत न हो।”

मंच के बीच में विपुल चौधरी के लिए रिजर्व सीट पर सफेद पगड़ी की माला रखे जाने के कार्यक्रम में बोलते हुए मोघजी ने कहा, “कई लोगों ने यह देखने की कोशिश भी की कि यह सभा न हो। मुझे पूरा भरोसा है कि हमारा शेर (विपुल चौधरी) बाहर (जेल से) आएगा। पार्टी के जनादेश वाला कोई व्यक्ति हमारा नेता नहीं है।” हालांकि उन्होंने किसी पार्टी का नाम नहीं लिया।

दूधसागर डेयरी पर भाजपा से जुड़े सदस्यों का नियंत्रण रहा है। पहले विपुल चौधरी और मोघजी चौधरी दोनों डेयरी में इस समय के नेतृत्व के खिलाफ आंदोलन कर चुके हैं, जो देश में सबसे बड़े डेयरी में से एक है। गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस पार्टी अपने पुराने सदस्य (विपुल ने सितंबर 2007 में कांग्रेस छोड़ दी थी) के समर्थन में आ गई और अक्टूबर 2022 में मेहसाणा में “मा अर्बुदा भवन” कैंपस में उनके समर्थन में कार्यक्रम किया।

मंगलवार को हुए इस कार्यक्रम में बनासकांठा, पाटन, साबरकांठा, मेहसाणा और गांधीनगर के अर्बुदा सेना के नेताओं ने भी भाग लिया और समुदाय से विपुल के समर्थन में एकजुट होने को कहा। पाटन के शंकर चौधरी ने कहा, ‘इस सेना का गठन राजनीति के लिए नहीं किया गया था। लेकिन चुनाव नजदीक होने के कारण समुदाय राजनीति से दूर नहीं रह सकता है। ”

विपुल चौधरी के समर्थकों की रैली में नहीं गए केजरीवालः

आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद गुजरात डेयरी नेता विपुल चौधरी के समर्थकों के संगठन अर्बुदा सेना की रैली में भाग नहीं लिया। आप ने पहले कहा था कि केजरीवाल गांधीनगर जिले के चरादा गांव में रैली को संबोधित करेंगे, लेकिन वह नहीं आए। समझा जा रहा था कि रैली में विपुल चौधरी के आप में शामिल होने और केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी को समर्थन देने की घोषणा की जाएगी।

अर्बुदा सेना के एक नेता ने कहा “हम एक गैर-राजनीतिक संगठन हैं। हमारे नेता विपुल चौधरी ने हमें किसी भी राजनीतिक दल में शामिल होने या समर्थन करने के लिए कोई निर्देश नहीं दिया है। इसलिए हमने अपनी आम सभा में फैसला किया है कि वह (चौधरी) हमें जो भी करने का निर्देश देंगे, उसे मानेंगे।”

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