नई दिल्ली: भारतीय सेना के उप-सेनाध्यक्ष (संपर्क विकास एवं सततता) लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह ने गुरुवार को एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को भारत की प्रमुख सैन्य तैनाती और रणनीतिक तैयारियों की रियल-टाइम खुफिया जानकारी चीन से मिल रही थी।
FICCI (फिक्की) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए जनरल सिंह ने कहा कि भारत को इस ऑपरेशन के दौरान तीन मोर्चों पर शत्रु गतिविधियों का सामना करना पड़ा — पाकिस्तान, चीन और तुर्की।
जनरल सिंह ने कहा, “पाकिस्तान सबसे आगे था, लेकिन उसे चीन से हर तरह का सहयोग मिल रहा था… तुर्की भी एक खास तरह का समर्थन दे रहा था।”
उन्होंने खुलासा किया कि डीजीएमओ स्तर की बातचीत के दौरान पाकिस्तानी अधिकारियों ने यह स्वीकार किया कि उन्हें भारत की सैन्य मूवमेंट की जानकारी पहले से मिल रही है।
सिंह ने कहा, “उन्होंने कहा — हम जानते हैं कि आपकी एक अहम वेक्टर तैयार है और कार्रवाई के लिए तैनात है, कृपया उसे पीछे हटाइए। इसका मतलब है कि उन्हें चीन से लाइव इनपुट्स मिल रहे थे।”
पाकिस्तान के लिए चीन बना ‘लाइव लैब’
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने यह भी कहा कि पिछले पांच वर्षों के आंकड़े दिखाते हैं कि पाकिस्तान को चीन से भारी मात्रा में सैन्य हथियार मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा, “पिछले पांच वर्षों में पाकिस्तान को मिलने वाले 81% सैन्य हार्डवेयर चीनी हैं। चीन इन्हें पाकिस्तान को देकर अपने हथियारों का टेस्ट करता है — ये उनके लिए एक ‘लाइव लैब’ जैसा है।”
‘चीन ने तीसरे के जरिए हमला किया’ — चीनी रणनीति पर तीखा वार
जनरल सिंह ने चीन की पारंपरिक रणनीति ‘Kill with a borrowed knife’ (किसी और के हाथों वार करना) का उदाहरण देते हुए कहा कि चीन खुद सीधे मैदान में नहीं उतरा बल्कि पाकिस्तान के जरिए भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की।
सिंह ने कहा, “चीन खुद को हमेशा पीड़ित बताता है और लड़ाई में गंदगी में उतरने की बजाय किसी पड़ोसी के जरिए भारत को चोट पहुंचाता है।”
तुर्की की भूमिका भी आई सामने
जनरल सिंह ने बताया कि इस ऑपरेशन के बाद तुर्की ने पाकिस्तान के साथ खुलेआम समर्थन का ऐलान किया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोआन से मुलाकात की थी। इस दौरान तुर्की ने भारत के खिलाफ पाकिस्तान को समर्थन जारी रखने की बात कही और इंटेलिजेंस साझा करने तथा आतंकवाद विरोधी कदमों में सहयोग बढ़ाने पर ज़ोर दिया।
ऑपरेशन सिंदूर: कैसे भारत ने दिया जवाब
7 मई को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की थी। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी थी — जिनमें अधिकांश पर्यटक थे।
ऑपरेशन सिंदूर के चार दिनों के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच तीव्र संघर्ष हुआ। पाकिस्तान की ओर से भारत के कई सीमावर्ती राज्यों में ड्रोन हमले किए गए। जम्मू-कश्मीर के राजौरी और पुंछ जिलों में हालात सबसे ज्यादा गंभीर रहे।
भारत सरकार के अनुसार, इस ऑपरेशन में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए और 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया। वहीं, जम्मू-कश्मीर और पंजाब में 10 से अधिक नागरिकों की जान गई।
10 मई को हुआ संघर्ष विराम
10 मई को दोनों देशों के बीच सीज़फायर की घोषणा हुई। भारत के अनुसार, पाकिस्तान ने 7 मई के 48 घंटे के भीतर ही तनाव घटाने के लिए संपर्क साधा था।