अहमदाबाद के शाहिबाग स्थित सरदार पटेल स्मारक में मंगलवार को आयोजित विस्तारित कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक में कांग्रेस ने एक स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि वे सरदार वल्लभभाई पटेल को कमतर दिखाने और उनके तथा जवाहरलाल नेहरू के संबंधों को लेकर फैलाए जा रहे “झूठ” का जवाब देंगे। कांग्रेस ने ऐलान किया कि वह पटेल के दिखाए मार्ग पर चलेगी। यह कदम कांग्रेस द्वारा “लौह पुरुष” सरदार पटेल को फिर से अपनाने की दिशा में एक बड़ा संकेत माना जा रहा है।
बैठक में “स्वतंत्रता संग्राम के ध्वजवाहक – हमारे ‘सरदार’ श्री वल्लभभाई पटेल” शीर्षक से एक विशेष प्रस्ताव पारित किया गया। इसके अलावा, 158 सदस्यों ने एक राजनीतिक प्रस्ताव और गुजरात से जुड़े विषयों पर आधारित एक अन्य प्रस्ताव को भी पारित किया। हालांकि, इन तीनों प्रस्तावों को अंतिम मंजूरी बुधवार को साबरमती रिवरफ्रंट पर होने वाले एआईसीसी (AICC) अधिवेशन में दी जाएगी।
इस बैठक में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी समेत कम से कम 20 आमंत्रित सदस्य शामिल नहीं हुए।
पिछले 140 वर्षों में यह छठी बार है जब एआईसीसी का अधिवेशन गुजरात में हो रहा है और अहमदाबाद में यह तीसरी बार आयोजित किया गया है।
बैठक के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरदार पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर कांग्रेस का यह कर्तव्य बनता था कि वह गुजरात में अधिवेशन आयोजित करे। उन्होंने कहा कि अधिवेशन का गुजरात में होना ही एक अहम और स्पष्ट संदेश है।
रमेश ने कहा कि सरदार पटेल और जवाहरलाल नेहरू आधुनिक भारत के निर्माता थे। दोनों ने स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई और बाद में संविधान निर्माण में भी योगदान दिया। जो लोग यह कहते हैं कि उनके संबंध अच्छे नहीं थे, वे झूठ बोलते हैं। महात्मा गांधी के नेतृत्व में दोनों के बीच एक विशिष्ट रिश्ता था।
बीजेपी का नाम लिए बिना कांग्रेस ने निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग बार-बार सरदार पटेल का नाम लेते हैं, वही किसानो के साथ कैसा व्यवहार कर रहे हैं, यह सबके सामने है। कांग्रेस ने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) न मिलने और कर्जमाफी की मांगें पूरी न होने का मुद्दा भी उठाया।
बैठक की अध्यक्षता पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने की। इस अवसर पर सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कमलनाथ, डी.के. शिवकुमार, अंबिका सोनी और पी. चिदंबरम जैसे वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया पर लिखा, “आज जब हम सामाजिक न्याय के पथ पर आगे बढ़ रहे हैं, तो हमारा न्याय पथ, सरदार पटेल द्वारा दिखाए गए सिद्धांतों पर आधारित है।” कांग्रेस ने अपने दो दिवसीय अधिवेशन के लिए “न्याय पथ” को थीम बनाया है।
सरदार पटेल पर पारित विशेष प्रस्ताव में सात प्रमुख बिंदुओं का उल्लेख किया गया है—किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष, “घृणा छोड़ो-भारत जोड़ो” के माध्यम से भारतीयता की भावना को पुनः प्राप्त करना, श्रमिकों और मज़दूर वर्ग के हक़ में लड़ाई, और धन के अत्यधिक असमान वितरण के खिलाफ न्याय के लिए संघर्ष। पार्टी ने इन सभी मार्गों पर चलने का संकल्प लिया।
इसके साथ ही, कांग्रेस ने समाज में वैमनस्य और विभाजन फैलाने वाली ताक़तों को हराने और उनकी झूठी खबरों की फैक्ट्री को बेनकाब करने का भी प्रण लिया।
खड़गे ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि बीजेपी और संघ परिवार गांधीवादी संस्थानों पर कब्ज़ा कर रहे हैं और उन्हें ऐसी विचारधारा वालों को सौंप रहे हैं, जो गांधीजी की सोच से मेल नहीं खाते। उन्होंने गुजरात विद्यापीठ में हुई घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि लोगों को सच्चाई मालूम है। उन्होंने सहकारिता क्षेत्र के लोगों को हाशिए पर डालने की बात भी कही।
राजनीतिक प्रस्ताव में गरीबों और हाशिए पर पड़े वर्गों के अधिकारों, रोजगार की कमी, देश में कृषि की स्थिति और विदेश नीति जैसे मुद्दों को शामिल किया गया। कांग्रेस का मानना है कि मौजूदा विदेश नीति में खामियां हैं, जिसके कारण भारत के पड़ोसी देशों से संबंध अच्छे नहीं हैं।
गुजरात पर पारित प्रस्ताव में कुपोषण, बेरोजगारी, हीरा और वस्त्र उद्योग तथा सिरेमिक सेक्टर से जुड़े मुद्दों को शामिल किया गया।
यह भी पढ़ें- अहमदाबाद: रिहायशी इलाकों में अग्नि सुरक्षा पर फिर उठे सवाल, जिवराज पार्क की घटना ने दिखाई खतरनाक हकीकत