नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस ने पैकेटबंद सामग्री थोक में खरीदने के लिए लोगों को ऑनलाइन राजी करके उनसे ठगी करने और एडवांस लेकर गायब होने के आरोप में एक गिरोह के तीन सदस्यों को गुजरात से गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान अहमदाबाद के रहने वाले जितेंद्र कुमार चौहान (35), परमार दिलीपभाई (47) और पवार श्याम (44) के रूप में हुई है।
पुलिस ने बताया कि ठगी का यह मामला फरवरी में तब सामने आया जब पूर्वोत्तर दिल्ली में रहने वाले नितिन जैन ने शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने कहा, “शिकायतकर्ता ने पहले एक सैंपल मंगाया था और उसके लिए भुगतान किया। सैंपल से संतुष्ट होकर शिकायतकर्ता ने उस फर्म- अवनी पैकेजिंग और मीका को थोक में ऑर्डर दिया। इसके लिए 19 फरवरी को एडवांस के रूप में 3,89,400 रुपये का भुगतान भी कर दिया। ” लेकिन शिकायतकर्ता को करार के मुताबिक अच्छी कीमत पर थोक में सामग्री की आपूर्ति नहीं की गई और कंपनी द्वारा दिए गए सभी मोबाइल नंबर कथित तौर पर बंद पाए गए।
दिल्ली पुलिस के उपायुक्त (पूर्वोत्तर) संजय कुमार सेन ने कहा कि पुलिस के एक दल ने मामले की जांच की। इस दौरान संबंधित बैंकों से सभी भुगतान विवरणों का सत्यापन किया गया। डीसीपी ने कहा कि जांच में पता चला कि शिकायतकर्ता द्वारा भुगतान की गई राशि को जालसाज ने उसी दिन चेक के माध्यम से निकाल लिया था। उन्होंने कहा कि तकनीकी सर्विलांस से अपराध के लिए इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन के स्थान का पता लगाया गया। वह अहमदाबाद का निकला। इसके बाद 24 जून को मामला दर्ज किया गया।
उन्होंने कहा कि 22 जुलाई को खुफिया जानकारी के आधार पर पुलिस की एक टीम अहमदाबाद पहुंची। वहां कंपनी के पंजीकरण के दौरान दिया गया पता फर्जी पाया गया। डीसीपी ने कहा, “अहमदाबाद के मादोपुर थाना क्षेत्र में छापेमारी की गई और पवार श्याम नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया।” पूछताछ के दौरान उसने अपना अपराध कबूल कर लिया। उसके खुलासे के आधार पर उसके दो सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के पास से पांच मोबाइल फोन और नौ सिम कार्ड, विभिन्न बैंकों के 13 एटीएम कार्ड, आठ चेक बुक, दो पासबुक और अन्य संबंधित दस्तावेज बरामद हुए हैं।
पुलिस ने कहा, “उसने खुलासा किया कि कंपनी को चलाने के बाद उन्होंने अपने ग्राहकों के बीच विश्वास पैदा करने के लिए इसे जीएसटी में भी पंजीकृत करा लिया था।” पुलिस के मुताबिक, ठगों ने सस्ते दरों पर पैकेजिंग सामग्री की थोक आपूर्ति के व्यवसाय में खुद के लिए विज्ञापन दिए। अगर किसी ने दिलचस्पी दिखाई तो उन्हें लालच देने के लिए बहुत ही उचित दर पर सैंपल दिए गए। बाद में, जब ग्राहक ने थोक में वस्तुओं की मांग की, तो उन्होंने उन्हें अग्रिम भुगतान करने के लिए कहा और गायब हो गए।
पुलिस ने कहा कि अहमदाबाद के एक स्थानीय पुलिस थाने में दर्ज रिकॉर्ड के अनुसार, आरोपी श्याम को जम्मू-कश्मीर के बारी ब्राह्मण में दर्ज धोखाधड़ी के एक मामले में भी शामिल पाया गया था।