विदेश का सपना ,अवैध प्रवास का पहले लालच पैदा करती है और फिर खतरनाक खेल का हिस्सा बना देती है ,जिसमे नुकसान सपना देखने वाले का होता है।
डींगूचा की घटना के बाद भी ना तो लोग विदेश जाने का मोह छोड़ पा रहे और ना ही उनकी प्रताड़ना कम हो रही है। एक बार फिर ऐसा ही मामला सामने आया है , 15 लोग करोडो रुपया खर्च करने के बावजूद कनाडा पहुंचने की बजाय दिल्ली और कोलकाता में बंधक बनाने गए थे ,
और जबरन विडियो बनवाया गया की वह कनाडा पहुंच गए हैं। लेकिन शंका के आधार पर परिजनों ने गांधीनगर पुलिस को संपर्क किया और गांधीनगर पुलिस उन्हें किसी तरह से मुक्त कराया।
मिली जानकारी के मुताबिक विदेश भेजने के लालच में 15 लोगों के साथ धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है। गांधीनगर पुलिस ने 3 महीने से दिल्ली और कोलकाता में बंधक बनाये गए 15 बंधकों को रिहा कराया है ।
एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है । आरोपित पिछले 2 महीने से मासूम लोगों को विदेश भेजने के लिए बंधक बनाकर रख रहे थे।
अहमदाबाद के एजेंट राजेश पटेल समेत चार आरोपितों पर निर्दोष लोगों को बांधकर कुल 3 करोड़ 5 लाख 74 हजार रुपये की उगाही करने का आरोप है. धोखाधड़ी के मामले में राजेश पटेल के अलावा सुशील रॉय, संतोष रॉय और कमल सिंघानिया भी शामिल है .
शुरुआती जांच में पता चला है कि एजेंट राजेश पटेल लोगों को कोलकाता और दिल्ली भेजता था। जहां सुशील रॉय, संतोष रॉय और कमल सिंधिया बंधक बनाकर उनके साथ अमानवीय व्यवहार करते थे ।
उनसे झूठे बयान दिलाये गए कि बंधक कनाडा पहुंच गए हैं । पीड़ित परिवार से कुल 2 करोड़ 31 लाख रुपये की फिरौती वसूलने के आरोप हैं . गांधीनगर पुलिस ने मामले में आगे की जांच शुरू कर दी है और अन्य फरार आरोपित की तलाश कर रही है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर हुयी कार्यवाही
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माड़सा का एक दम्पति तीन महीने पहले कनाडा जाने के लिए निकला था , लेकिन कनाडा नहीं पंहुचा था , इस दौरान डींगूचा की घटना के बाद किसी अनहोनी की आशंका से परेशान होकर अपने राजनीतिक रसूक का इस्तेमाल करते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से मदद की गुहार लगायी
मुख्यमंत्री के आदेश पर गाँधीनगर पुलिस द्वारा तत्काल मामले की जांच की गयी. माड़सा के एक दम्पति का मामला सामने आया था जिसमे वे विदेश गए थे, हालांकि, उनका तीन महीने से कोई संपर्क नहीं था।
इन विवरणों के आधार पर, पुलिस ने उसका लोकेशन प्राप्त किया और तुरंत एक टीम को दिल्ली और दूसरे को कलकत्ता भेजा।
जहां इस मामले में अतिरिक्त जानकारियां मिलीं और चौंकाने वाले खुलासे हुए. फिर सभी बंधकों को दिल्ली पुलिस की मदद से रिहा कर दिया गया।
पुलिस जांच में यह भी पता चला है कि आरोपी बंधकों के परिवारों से फिरौती की मांग कर रहे थे। अगर परिवार ने पैसे नहीं दिए होते, तो उनकी योजना बांग्लादेश में बच्चे को दूसरों को बेचने की थी।
किसके पास से कितना पैसा वसूल किया गया?
वसई डभला, मेहसाणा के मितेश पटेल से 1.60 करोड़
मोतीपुरा, विजापुर के मित पटेल से 49 लाख
न्यू रानिप, अहमदाबाद के आकाश पटेल से 5.35 लाख
न्यू रानिप, अहमदाबाद के राकेश पटेल से 5.30 लाख
घुमासन, मेहसाणा के हीरल पटेल से 2.50 लाख
मेहसाणा की रश्मिका पटेल से 2.50 लाख
मनसा खरना के तेजस पटेल से 81.09 लाख
अहमदाबाद के एजेंट राजेश पटेल समेत चार आरोपितों पर निर्दोष लोगों को बांधकर कुल 3 करोड़ 5 लाख 74 हजार रुपये की उगाही करने का आरोप है.
इस रैकेट में राजेश पटेल के अलावा सुशील रॉय, संतोष रॉय और कमल सिंघानिया का भी नाम सामने आया है। शुरुआती जांच में पता चला है कि एजेंट राजेश पटेल लोगों को कोलकाता और दिल्ली भेजता था।
जहां सुशील रॉय, संतोष रॉय और कमल सिंधिया को बंधक बनाकर उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया।