अहमदाबाद: देशभर में सोने की तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए केंद्रीय एजेंसियों ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 54.29 करोड़ रुपए मूल्य का सोना जब्त किया है। यह औसतन हर सप्ताह 1 करोड़ रुपए से अधिक की जब्ती दर्शाता है।
सूत्रों के अनुसार, डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) की अहमदाबाद ज़ोनल यूनिट (AZU) ने इस वित्तीय वर्ष के दौरान सीधे तौर पर 35.39 किलोग्राम सोना जब्त किया, जिसकी अनुमानित कीमत 26.97 करोड़ रुपए थी। इसके अलावा, एजेंसी ने कस्टम्स और राज्य पुलिस जैसी अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर 38.83 किलोग्राम सोने की जब्ती में भी सहयोग किया, जिसकी कीमत 27.32 करोड़ रुपए आंकी गई।
हालांकि यह आंकड़ा पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 की तुलना में थोड़ा कम है, अधिकारियों का मानना है कि जब्ती की मात्रा में उतार-चढ़ाव का सीधा संबंध घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में सोने की कीमतों से है। गौरतलब है कि वर्तमान में सोने की कीमत ऐतिहासिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है और यह 1 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम के करीब है, जो वैश्विक बाजार में जारी अस्थिरता का परिणाम है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “पिछले वित्तीय वर्ष में कई अंतरराष्ट्रीय तस्करी सिंडिकेट्स की पहचान की गई और उनके सदस्यों को पकड़ा गया। इनमें से कई व्यक्ति खाड़ी देशों से आने वाली अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से सोना ला रहे थे। इन्हें तय राशि देकर लालच दिया जाता था और इनमें से अधिकतर के खिलाफ पहले कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होता था। तस्करी के तरीके भी लगातार बदलते रहते हैं, जिससे सुरक्षा एजेंसियों को चकमा दिया जा सके।”
पहले जहां शरीर के अंदर, सामान की परतों में या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में सोना छिपाकर लाया जाता था, वहीं हाल की एक घटना में दो यात्रियों को 3 किलोग्राम सोना सोने के पेस्ट के रूप में ले जाते हुए पकड़ा गया। इस पेस्ट को प्लास्टिक स्ट्रिप्स में छिपाकर जींस की सिलाई में लगाया गया था। इसकी कीमत 2.76 करोड़ रुपए बताई गई।
इस वर्ष मार्च में अहमदाबाद के पालडी इलाके से 95 किलोग्राम सोने की जब्ती हुई, जो अब तक की सबसे बड़ी जब्ती मानी जा रही है। यह सोना एक मुंबई निवासी स्टॉक ब्रोकर और उसके पिता के घर से बरामद किया गया। मामले की जांच अब गुजरात पुलिस की एंटी-टेररिज़्म स्क्वॉड (ATS) को सौंप दी गई है।
DRI अधिकारियों ने बताया कि जब्त किए गए अधिकांश सोने की छड़ों पर विदेशी कंपनियों के निशान थे, जिससे यह स्पष्ट है कि ये विदेशी मूल का सोना था। फिलहाल मामले की जांच जारी है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “सोने की तस्करी का पर्दाफाश करना अक्सर कई एजेंसियों के समन्वय से संभव हो पाता है। पूरे भारत में इंटेलिजेंस नेटवर्क सक्रिय है, जो यह पहचानने का प्रयास करता है कि संगठित अपराध सिंडिकेट्स कैसे हवाई अड्डों और अन्य सुविधाओं का दुरुपयोग कर रहे हैं।”
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