अहमदाबाद: गुजरात एंटी-टेररिज्म स्क्वाड (ATS) ने सोमवार को नडियाद से 18 वर्षीय जसिम शहनवाज़ अंसारी को साइबर आतंकवाद में कथित संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया है। ATS अधिकारियों के अनुसार, अंसारी ने भारत की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ कार्रवाई के बाद साइबर हमलों की तीव्रता बढ़ा दी थी। यह अभियान पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था।
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि अंसारी और उसके साथियों ने अप्रैल से मई 2025 के बीच भारत सरकार की 50 से अधिक वेबसाइटों पर साइबर हमले किए। इन वेबसाइटों में रक्षा, वित्त, विमानन, शहरी विकास और विभिन्न राज्य सरकारों से जुड़ी वेबसाइटें शामिल हैं।
टेलीग्राम ग्रुप के ज़रिए करते थे हमलों की योजना
ATS अधिकारियों के अनुसार, यह गिरफ्तारी खुफिया निगरानी के दौरान मिली जानकारियों के आधार पर की गई। अंसारी और उसके साथियों ने ‘AnonSec’ नाम से एक टेलीग्राम ग्रुप बनाया था, जिसमें वे डिस्ट्रिब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस (DDoS) हमलों की योजना बनाते और उन्हें अंजाम देते थे। इन हमलों का मकसद वेबसाइटों को भारी ट्रैफिक से डाउन करना था।
YouTube से सीखी प्रोग्रामिंग, GitHub से लिए टूल्स
अंसारी ने YouTube से पाइथन प्रोग्रामिंग सीखी और GitHub से साइबर हमलों के लिए कई टूल्स डाउनलोड किए। उसने Termux और Pydroid जैसे मोबाइल ऐप्स का इस्तेमाल कर DDoS हमलों को अंजाम दिया। हमलों की सफलता को checkhost.net जैसी वेबसाइटों से जांचा गया और उसके स्क्रीनशॉट्स AnonSec ग्रुप में शेयर किए गए, जिनके साथ लिखा गया:
“हाय इंडिया, हमने तुम्हारे शील्ड और सर्वर गिरा दिए।”
गुजरात ATS के अनुसार, यह ग्रुप लगातार अपने नाम बदलता था और अलग-अलग ऑनलाइन पहचान (हैंडल्स) का इस्तेमाल करता था। वे अपने सफल हमलों की जानकारी साझा कर भारत विरोधी प्रचार करते थे।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बढ़े हमले
ATS की जांच में यह भी सामने आया है कि अंसारी और उसके साथियों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद अपने हमलों को और तेज कर दिया था। 7 मई 2025 को 20 सरकारी वेबसाइटों को एक साथ निशाना बनाया गया और ग्रुप में लिखा गया:
“भारत ने शुरू किया हो, लेकिन खत्म हम करेंगे।”
नाबालिग भी शामिल, विदेशी संबंधों की जांच जारी
जानकारी के अनुसार, अंसारी हाल ही में कक्षा 12 (विज्ञान) में फेल हुआ था, जबकि उसका एक और साथी, जिसकी उम्र 17 वर्ष है, वर्तमान में कक्षा 12 का छात्र है।
ATS यह जांच कर रही है कि क्या यह साइबर हमला पूरी तरह इन छात्रों की अपनी योजना थी या फिर इसके पीछे कोई विदेशी तत्व या संगठनों का हाथ है। मामले में इस्तेमाल हुए टूल्स, सॉफ्टवेयर और डिजिटल लिंक की गहन जांच जारी है।
गुजरात ATS ने इस मामले में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 43 और 66F के तहत एफआईआर दर्ज की है, जो साइबर आतंकवाद और अनधिकृत डिजिटल एक्सेस से संबंधित हैं।
मामले की जांच अब भी जारी है।
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