गांधीनगर: गुजरात में भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार का इंतजार आखिरकार शुक्रवार को खत्म हो गया। इस बड़े फेरबदल में 19 नए चेहरों को शामिल किया गया है, जबकि गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी को पदोन्नत कर राज्य का नया उपमुख्यमंत्री बनाया गया है।
शपथ ग्रहण समारोह गांधीनगर के महात्मा गांधी मंदिर के मुख्य हॉल में हुआ, जो समर्थकों और कार्यकर्ताओं से पूरी तरह खचाखच भरा हुआ था।
इस विस्तार के बाद, पटेल मंत्रिमंडल में मंत्रियों की कुल संख्या 16 से बढ़कर 26 हो गई है। जानकारी के मुताबिक, गुरुवार देर शाम सभी 16 पुराने मंत्रियों ने अपने इस्तीफे सौंप दिए थे।
यह मंत्रिमंडल विस्तार काफी समय से लंबित था। माना जा रहा है कि इसके स्वरूप और आकार को अंतिम रूप कुछ दिन पहले नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्री पटेल की बैठक में दिया गया था। इस महत्वपूर्ण बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गुजरात भाजपा अध्यक्ष जगदीश विश्वकर्मा भी मौजूद थे।
इस फेरबदल में 10 मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया गया है। इनमें सहकारिता राज्य मंत्री बच्चू खाबड़ का नाम भी शामिल है, जिनके दो बेटों पर दाहोद में करोड़ों रुपये के मनरेगा घोटाले में शामिल होने का आरोप है। विपक्षी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी लगातार खाबड़ को बर्खास्त करने की मांग कर रही थीं।
नए चेहरों में कुछ नाम बेहद अहम हैं। वरिष्ठ नेता अर्जुन मोढवाडिया, जो 2024 की शुरुआत में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे, उन्हें कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई है। वे पोरबंदर से विधायक हैं। इसी तरह, जामनगर की विधायक और क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा को भी नए मंत्रिमंडल में जगह मिली है। भावनगर से विधायक, पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जीतू वघानी की भी कैबिनेट में वापसी हुई है।
गुजरात ने आखिरी बार विजय रूपाणी के नेतृत्व वाली सरकार में नितिन पटेल को उपमुख्यमंत्री के रूप में देखा था। रूपाणी का इस साल की शुरुआत में AI 171 विमान दुर्घटना में निधन हो गया था। संकट की स्थितियों में अक्सर सरकार का चेहरा बनने वाले हर्ष सांघवी को राष्ट्रीय नेतृत्व का करीबी माना जाता है।
इस विस्तार के जरिए भाजपा आलाकमान ने आगामी नगर निगम, तालुका और जिला पंचायत चुनावों पर अपनी नजर रखी है। जगदीश विश्वकर्मा के प्रदेश अध्यक्ष बनने के एक महीने से भी कम समय में हुए इस विस्तार में जातीय समीकरणों को साधने की भी पूरी कोशिश की गई है। नए मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित आठ पाटीदार, सात ओबीसी, चार आदिवासी, तीन अनुसूचित जाति, दो क्षत्रिय समुदाय, एक जैन और एक ब्राह्मण समुदाय से मंत्री बनाए गए हैं।
क्षेत्रीय संतुलन को देखें तो सबसे ज्यादा नौ मंत्री कच्छ और सौराष्ट्र क्षेत्र से आते हैं। माना जा रहा है कि भाजपा ने इस क्षेत्र से मंत्रियों का चयन आम आदमी पार्टी के बढ़ते प्रभाव को ध्यान में रखकर किया है, खासकर विसावदर उपचुनाव में गोपाल इटालिया की जीत के बाद। मोरबी से विधायक कांति अमृतिया और अमरेली से कौशिक वेकारिया जैसे प्रमुख चेहरों को शामिल करना भी इसी रणनीति का हिस्सा है।
मध्य गुजरात से छह, दक्षिण गुजरात से पांच और उत्तरी गुजरात से चार मंत्री बनाए गए हैं। अहमदाबाद से मुख्यमंत्री के अलावा एक और मंत्री को शामिल किया गया है।
इस विस्तार के साथ, भाजपा को उम्मीद है कि वह वर्षों से चली आ रही सत्ता विरोधी लहर को कुछ हद तक कम कर सकेगी। नए चेहरे और एक संतुलित मंत्रिमंडल पटेल सरकार के लिए एक नई शुरुआत प्रदान कर सकते हैं।
दिलचस्प बात यह है कि यह विस्तार ऐसे समय में हुआ है जब आम आदमी पार्टी बोटाद में कपास किसानों के साथ हो रहे अन्याय को लेकर लगभग पंद्रह दिनों से आंदोलन कर रही है, जो मीडिया में काफी सुर्खियां बटोर रहा है। अब इस विस्तार से राजनीतिक ध्यान दूसरी ओर केंद्रित हो गया है।
अब सभी की निगाहें विभागों के बंटवारे पर टिकी हैं, क्योंकि इस मंत्रिमंडल से 2027 के अंत तक काम करने की उम्मीद है। 2030 में अहमदाबाद में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों से ठीक तीन साल पहले, राज्य भर में बुनियादी ढांचे का विकास और खेल सुविधाओं का निर्माण सरकार के लिए एक बड़ी प्राथमिकता होगी।
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