गांधीनगर: गुजरात में 17 अक्टूबर को होने वाले कैबिनेट विस्तार से पहले राजधानी गांधीनगर में राजनीतिक सरगर्मियां अपने चरम पर हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली सरकार में एक बड़े फेरबदल की तैयारी हो रही है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कई नए चेहरों को शामिल कर प्रतिनिधित्व को व्यापक बनाने की योजना बना रही है।
यह फेरबदल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की देखरेख में होगा। इस कदम को 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है।
सूत्रों ने बताया है कि मौजूदा मंत्रियों को आज और कल गांधीनगर में ही रहने का निर्देश दिया गया है, क्योंकि उनमें से कई के आज शाम तक इस्तीफा देने की संभावना है। पटेल कैबिनेट के इस पहले बड़े विस्तार की रूपरेखा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुई कई दौर की बैठकों में तय की गई है।
इस बदलाव के जरिए भाजपा नए समीकरणों को आज़माना चाहती है, खासकर तब जब युवा नेता गोपाल इटालिया के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी (AAP) भाजपा के पारंपरिक पाटीदार वोट बैंक में अपनी पकड़ मजबूत कर रही है।
वर्तमान में, मुख्यमंत्री सहित भूपेंद्र पटेल कैबिनेट में 17 सदस्य हैं, जो गुजरात के हालिया राजनीतिक इतिहास के सबसे छोटे मंत्रिमंडलों में से एक है। इस विस्तार के बाद स्वर्णिम संकुल सरकारी परिसर के लगभग एक दर्जन खाली मंत्री कक्षों के भरने की उम्मीद है, जो कई नए मंत्रियों के शामिल होने का स्पष्ट संकेत है।
जानकारी के अनुसार, मंत्री धर्मेंद्रसिंह, ऋषिकेश पटेल, मुकेश पटेल और भूपेंद्रसिंह चूड़ासमा अपने पद पर बने रह सकते हैं। वहीं, वित्त मंत्री कनुभाई देसाई, कृषि मंत्री राघवजी पटेल, जल आपूर्ति मंत्री कुंवरजी बावलिया और पर्यटन मंत्री मुरूभाई बेरा को मंत्रिमंडल से हटाया जा सकता है।
कैबिनेट में नए चेहरों के तौर पर जयेश रादडिया, शंकर चौधरी, अर्जुन मोढवाडिया, जीतू वाघाणी, रीवा जडेजा और अल्पेश ठाकोर जैसे नेताओं को शामिल किया जा सकता है। इस फेरबदल के माध्यम से भाजपा युवा नेताओं को पुरस्कृत करने के साथ-साथ ओबीसी-पाटीदार प्रतिनिधित्व को मजबूत करने का प्रयास कर रही है, जिसमें सौराष्ट्र क्षेत्र को विशेष लाभ मिलने की उम्मीद है।
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