वायब्रेंट गुजरात से 20 लाख रोजगार की उम्मीद थी मिली महज 3 ,55 163 नौकरी

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गुजरात सरकार को वायब्रेंट गुजरात से 20 ,90 339 लोगो को रोजगार की उम्मीद थी मिली महज 3 ,55 163 नौकरी

| Updated: March 17, 2022 19:37

पिछले दो साल में मध्यप्रदेश ने एक भी रूपया नहीं दिया है , जबकि जबकि महाराष्ट्र सरकार ने 38 करोड़ रुपये दिए हैं। राजस्थान सरकार ने केवल 12 करोड़ रुपये गुजरात सरकार को दिए हैं।


2019 में आयोजित वायब्रेंट गुजरात ग्लोबल सम्मिट से सरकार को उम्मीद थी कि 20 लाख 90 हजार 339 लोगो को रोजगार मिलेगा , लेकिन हकीकत सरकार के लक्ष्य से ठीक उलटी है , महज 3 लाख 55 हजार 163 नौकरियों का ही सृजन हुआ है। विपक्ष लम्बे समय से वायब्रेंट गुजरात सम्मिट को फिजूलखर्ची बता रहा है , गुजरात सरकार के जवाब से उसके आरोपों को बल मिलता है। वही राज्य सचिवालय के कर्मचारी भी काम के बोझ से दबे हुए है .

सचिवालय में द्वितीय श्रेणी के रिक्त पदों में से 444 पदों को भरा गया है जबकि 102 अभी भी रिक्त है। उप सचिव वर्ग-1 के 67 रिक्त पदों को भरा गया है तथा 119 रिक्त पद है।

वाहन चालकों से ई मेमो के 309 करोड़ 33 लाख 74 हजार 947 रुपये की वसूली बाकी

कांग्रेस विधायक द्वारा ई-मेमो के बारे में पूछे जाने पर राज्य सरकार ने लिखित में जवाब दिया कि दो साल में यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर 56 लाख 17 हजार 545 ई-मेमो जारी किए गए हैं, जिसमें से 61 करोड़ 42 लाख 50 हजार 993 रुपये वाहन चालकों ने जमा कराया है जबकि 309 करोड़ 33 लाख 74 हजार 947 रुपये की वसूली की जानी है।

नर्मदा परियोजना- दो साल में मध्यप्रदेश ने नहीं दिया एक पैसा


नर्मदा योजना मंत्री ने आज गुजरात विधानसभा में कांग्रेस विधायक निरंजन पटेल के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा की गुजरात सरकार का अभी भी नर्मदा सहयोगी राज्यों का 7,225 करोड़ रुपये बकाया है जिसमें मध्य प्रदेश से 4,953 करोड़ रुपये, महाराष्ट्र से 1,715 करोड़ रुपये और राजस्थान से 556 करोड़ रुपये शामिल हैं। पिछले दो साल में मध्यप्रदेश ने एक भी रूपया नहीं दिया है , जबकि जबकि महाराष्ट्र सरकार ने 38 करोड़ रुपये दिए हैं। राजस्थान सरकार ने केवल 12 करोड़ रुपये गुजरात सरकार को दिए हैं।


जिला पंचायतों में वर्ग 1 से 4 में 55 % पद रिक्त


जिला पंचायतों में वर्ग 1 से 4 तक में 3385 रिक्तियों को भरा गया है जबकि अभी भी 4221 पद रिक्त है , जो कुल नियुक्तियो का 55 प्रतिशत से अधिक है। स्थायी नियुक्ति के बजाय सरकार निजी कंपनियों में रोजगार के लिए लाखो रुपये खर्च औद्योगिक भर्ती मेलों का आयोजन करती है लेकिन वह मेला सरकार की प्रसिद्धि तक सीमित होकर रह जाता है। । दो साल में आयोजित ऐसे औद्योगिक भर्ती मेले में रोजगार के लिए 5 लाख 52 हजार 362 बेरोजगार मौजूद रहे।

रतनपुर चेक पोस्ट बना शराब की अवैध खेप का प्रवेशद्वार , 667 बुटलेगरो की गिरफ्तारी बाकी

मध्यप्रदेश तथा राजस्थान की सीमा से चेकपोस्ट पर की गयी जाँच के दौरान पिछले दो वर्ष में 8.3 करोड़ रुपये की 4.15 लाख बोतल विदेशी शराब की कीमत और एक लाख चार हजार बीयर की बोतल जब्त की गई है जिसकी कीमत 43.22 लाख रुपये है। 667 आरोपियों की गिरफ्तारी अभी बाकी है। शामलाजी पोस्ट रतनपुर चेक पोस्ट से सबसे अधिक 2.32 लाख विदेशी शराब और 16,000 बोतल बीयर जब्त की गई।

सरकार ने 25,000 से अधिक वेब पेज, साइट्स, सोशल मीडिया पेजों को ब्लॉक किया

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