2018 में वन रक्षक वर्ग -3 के 334 पदों की जगह निकली थी , जिसके लिए 6 लाख से अधिक परीक्षार्थियों ने आवेदन किया किया था। रविवार को राज्य के विभिन्न केंद्रों में कथित तौर से कड़ी सुरक्षा के बीच परीक्षा आयोजित की गयी , लेकिन परीक्षा के पहले ही पेपर लीक हो गया।
गुजरात में स्थायी सत्ता के साथ साथ सत्ता के इर्द गिर्द मडरा रहे दलाल भी ईंटे मजबूत हो गए हैं की वह सरकार की साख पर ही चूना लगा रहे है , लेकिन नौकरी की आश लगाए बैठे युवाओ का भविष्य बिगड़ रहा है , एक के बाद एक पेपर लीक होने का सिलसिला जारी है ,सरकार ट्वीटर ट्वीटर खेलती है और पेपर लीक हो जाते है।
मिली जानकारी के मुताबिक परीक्षा के पेपर उनावा श्री नागरिक मंडल केंद्र से लीक हुए हैं। परीक्षा शुरू होने से पहले प्रश्नपत्रों के उत्तर वितरित कर दिए गए थे। नागरिक समाज के लेटर पैड पर प्रश्नपत्रों के उत्तर वायरल हो गए थे।
परीक्षा में पानी पीने निकले छात्र ने श्री नागरिक मंडल केंद्र के लेटरपैड पर उत्तर के साथ प्रवेश किया। ब्लॉक 10 का छात्र लेटरपैड पर उत्तर के साथ निरीक्षक ने पकड़ लिया , जिससे मामला उजागर हुआ ,अन्य परीक्षर्थियों ने इसे लेकर हंगामा भी मचाया।
हालांकि इसके पहले अहमदाबाद पुलिस ने दवा किया था परीक्षा के लिए कड़े इंतजाम किये गए हैं , परीक्षा केंद्र के 100 मीटर में प्रवेश प्रतिबंधित है ,परीक्षा केन्द्रो के अगल बगल की जेरोक्स दुकान बंद कराई गयी हैं। परीक्षा के दौरान इलेक्ट्रानिक गजट ले जाने को भी प्रतिबंधित किया गया था। परीक्षा आज दोपहर 12 बजे से दोपहर 2 बजे तक हुयी।
किसी एक छात्र के पास उत्तर मिले तो उसे पेपर फूटना नहीं कह सकते – जीतू वाघाणी
राज्य सरकार के प्रवक्ता और शिक्षा मंत्री जीतू वाघाणी ने इसे सियासी रंग देते हुए कहा की चुनाव होने वाले हैं इसलिए इस तरह की साजिश की जा रही है। उन्होंने कहा की किसी एक छात्र के पास उत्तर मिलना पेपर फूटना नहीं कहलाता। यह नक़ल का सामान्य मामला है , युवाओ को गुमराह करने की कोशिश हो रही है।
पुराना लेटरपैड , करेंगे पुलिस शिकायत
वही सर्वोदय स्कूल प्रबंधन ने भी अपने हाथ खड़े कर लिए हैं , स्कूल प्रबंधन ने अपने किसी कर्मचारी की संलिप्ता से भी इंकार किया ,स्कूल प्रबंधन का कहना है कि किसी दाढ़ी वाले व्यक्ति ने पुराने लेटरपैड का उपयोग करके यह किया है , स्कूल प्रबंधन ने जोर देकर कहा की वह पुलिस शिकायत दर्ज कराएगी।
सरकार की नाकामी के कारण लीक हो रहे प्रश्नपत्र
छात्र नेता और पीएसआई परीक्षा पेपर लीक ,समेत कई मामलों में प्रश्न पत्र लीक होने की आवाज उठा चुके युवराज सिंह ने कहा सरकार की नाकामी के कारण बार बार प्रश्नपत्र लीक होते है , छात्र नेता के तौर पर मुद्दा उठता हु, सरकार कोई भी परीक्षा सफलता पूर्वक क्यों नहीं आयोजित करा पाती , यह 6 लाख युवाओ के भविष्य का सवाल है।
गौरतलब है कि पूर्व में भी कुछ ऐसे परीक्षा पत्रों को उड़ाया जा चुका है। प्रधान लिपिक से लेकर तलाटी भर्ती तक के पेपर लीक हुए थे। फिर यहाँ कई ज्वलंत प्रश्न उठते हैं जैसे…..
- प्रतियोगी परीक्षा के प्रश्नपत्र इतनी बार क्यों लीक हो जाते हैं?
- सरकारी नौकरी चाहने वाले उम्मीदवारों के भविष्य से क्यों खिलवाड़ किया जा रहा है?
- पेपर लीक में कौन सा संगठित गैंग सक्रिय है?
- परीक्षा पत्रों की गोपनीयता क्यों नहीं बरती जाती है?
- पेपर रखने वाले स्थान की सुरक्षा पर्याप्त क्यों नहीं है?
- अभी तक कोई बड़ी मछली पुलिस के हाथ क्यों नहीं लगी. ?
- परीक्षा केंद्र देने से पहले जाँच क्यों नहीं की जाती ?
- यदि श्री नागरिक मंडल के लेटर पैड का उपयोग किया गया है, तो क्या उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी?
- श्री नागरिक मंडल के शामिल होने पर क्या कार्रवाई की जाएगी?
- सरकार अनुकरणीय कार्रवाई क्यों नहीं करती?