अदाणी पावर लिमिटेड के साथ 2006 और 2007 में 25 साल के लिए 2.89 रुपये प्रति यूनिट और 2.35 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीद समझौते किए के बावजूद गुजरात सरकार ने अदाणी पावर लिमिटेड के साथ सरकार तारीख 15-10-2018 से 31-12-2020 की अवधि के लिए मासिक औसत रु3.52 प्रति यूनिट तक की उच्च दर पर बिजली राज्य सरकार द्वारा सरकार द्वारा खरीदी गयी है।
विधान सभा (Gujarat Legislative Assembly Session) में प्रश्नकाल के दौरान दिए गए जवाब के मुताबिक 15-10-2018 से दिसंबर 2020 तक 22,495 मिलियन यूनिट बिजली खरीदी गई और अदाणी पावर को कुल 8916 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। ज सरकार ने अडानी पावर को परिवर्तनीय लागत के रूप में 6333 करोड़ रुपये का भुगतान किया था।
अदाणी पावर लिमिटेड राज्य सरकार द्वारा बिजली खरीदने के समझौते के बावजूद राज्य सरकार द्वारा उच्च दरों का भुगतान किया जाता है, राज्य सरकार समझौते के बाद भी उच्च दरों पर बिजली खरीदने के लिए सरकारी खजाने में नागरिकों के कर के पैसे का उपयोग करती है।
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आज सदन (Gujarat Legislative Assembly Session) में पूछे गए एक अन्य प्रश्न के उत्तर में सरकार ने उत्तर दिया कि राज्य में गुजरात राज्यविधुत निगम लिमिटेड हस्तक 10 विधुत उत्पादन केंद्र हैं।
इन बिजली संयंत्रों का कुल उत्पादन 2020 में केवल 14.41% से 65.25% और उत्पादन क्षमता के मुकाबले 2021 में 10.61% से 58.91% है। जबकि राज्य सरकार 5 स्वतंत्र बिजली संयंत्रों की उत्पादन क्षमता के मुकाबले 2020 में केवल 19.14 से 74.03% और 2021 में 3.01% से 70.70% संचालित करती है।
कांग्रेस का आरोप है कि राज्य सरकार अपने बिजली संयंत्रों को पूरी क्षमता से संचालित नहीं कर रही है और टाटा, अदाणी और एस्सार जैसी निजी कंपनियों से महंगे दामों पर बिजली खरीद रही है ताकि जनता का पैसा बर्बाद हो और निजी उद्यमी ज्यादा से ज्यादा अमीर बनें।
( प्रतिकात्मक तस्वीर )