GeM पोर्टल पर सबसे अधिक विक्रेताओं वाला दूसरा राज्य बना गुजरात, उत्तर प्रदेश को पीछे छोड़ा

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GeM पोर्टल पर सबसे अधिक विक्रेताओं वाला दूसरा राज्य बना गुजरात, उत्तर प्रदेश को पीछे छोड़ा

| Updated: September 22, 2022 20:31

सरकारी विभागों में सामानों की खरीद में पारदर्शिता लाने और गड़बड़ियों को दूर करने के उद्देश्य से शुरू किए गए जेम पोर्टल (GEM Portal) पर गुजरात सबसे अधिक विक्रेता वाला (second highest number of sellers) राज्य बन गया है। उसने यह स्थान उत्तर प्रदेश को पीछे करते हुए हासिल किया है।

पिछले महीने तक GeM पोर्टल पर सबसे अधिक 1.73 लाख विक्रेता महाराष्ट्र में थे। इसके बाद 64,000 विक्रेताओं के साथ दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश था।

गुजरात में GeM के क्षेत्रीय व्यापार देखने वाले (regional business facilitator) सागर सोनी ने इसके लिए विक्रेताओं के प्रति आभार जताया है। कहा, “GeM के बोर्ड पर गुजरात के विक्रेताओं की संख्या 74,000 से अधिक हो गई है। इस प्रक्रिया में गुजरात ने यूपी को पछाड़ दिया है और GeM पोर्टल पर पंजीकृत विक्रेताओं की दूसरी सबसे बड़ी संख्या वाला राज्य बन गया है।” उन्होंने सफलता की यह कहानी बुधवार को GeM द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बताई। आपूर्तिकर्ताओं (suppliers) का यह कार्यक्रम राजकोट में हुआ।

GeM केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के तत्वावधान में कार्यरत एक विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) है। GeM को केंद्र और राज्य सरकारों के विभिन्न विभागों के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) द्वारा पारदर्शी तरीके से और प्रतिस्पर्धी कीमतों पर उत्पाद और सेवा विनिर्देशों को मानकीकृत करके और सोर्सिंग नेटवर्क का विस्तार करके सामग्री और सेवाओं की खरीद को सुविधाजनक बनाने का ऑनलाइन काम सौंपा गया है।

बदले में इसका उद्देश्य निर्माताओं, व्यापारियों और सेवा-प्रदाताओं को लगभग मुफ्त में देश भर के बाजार तक पहुंच प्रदान करना (it is also aimed at providing access to a pan-India market to manufacturers, traders and service-providers virtually free of cost) है।

अपने लॉन्च के बाद से GeM ने 43 लाख विक्रेताओं को जोड़ा है और 3.04 करोड़ रुपये का सकल व्यापारिक मूल्य (GMV) दर्ज किया है। सोनी ने कहा,

“गुजरात में 11,400 करोड़ रुपये का GMV है। यूपी की 25,000 करोड़ रुपये की खरीद के बाद गुजरात दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। ” उन्होंने कहा, “सभी राज्य सरकारों ने GeM के साथ समझौते पर दस्तखत किए हैं। वैसे हर राज्य सरकार GeM प्लेटफॉर्म के माध्यम से हर वस्तु और सेवा की खरीद नहीं कर रही है।  जबकि गुजरात और कुछ राज्य इस पोर्टल के माध्यम से अपनी 100 प्रतिशत खरीद कर रहे हैं।

GeM पोर्टल पर विक्रेताओं द्वारा पंजीकरण निःशुल्क है और अब इसे राज्य सरकारों के ग्राहक सेवा केंद्रों (common service centres) के माध्यम से किया जा सकता है।

राजकोट में गुजरात सरकार के जिला उद्योग केंद्र (डीआईसी) के महाप्रबंधक किशोर मोरी ने कहा,

“एक बार प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत होने के बाद (Once registered on the platform) एक विक्रेता को अपने उत्पादों को ऑनलाइन प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से और बिना किसी टेंडर फीस का भुगतान किए सरकार को बेचने का अवसर मिलता है। जैसे जेके मशीन टूल्स प्राइवेट लिमिटेड राजकोट स्थित फर्म है, जो छोटी मशीनों का निर्माण करती है। उसका वार्षिक कारोबार 2 करोड़ रुपये था, जब इसे वर्ष 2016 में शामिल किया गया था। इसका कारोबार जीईएम में शामिल होने के बाद 10 गुना बढ़ गया और इसका वार्षिक कारोबार अब 20 करोड़ रुपये का है। ”

डीआईसी के महाप्रबंधक जीईएम के पदेन जिला नोडल अधिकारी (The DIC general manager is ex-officio district nodal officer of GeM) हैं।

सोनी ने कहा कि गुजरात सरकार ने हाल ही में इस पोर्टल पर 1120 करोड़ रुपये के सेवा अनुबंध को रखकर अपनी प्रमुख स्वास्थ्य बीमा योजना मुख्यमंत्री अमृत ((MA)) के लिए बीमा कंपनी को सूचीबद्ध करने के लिए जीईएम पोर्टल को चुना (Gujarat government recently opted GeM portal for empanelling insurance company for its flagship health insurance scheme Mukhya Mantri Amrut (MA) by placing Rs1120 crore worth of service contract on the platform) है।

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