नई दिल्ली — जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में शहीद हुए नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी नरवाल को सोशल मीडिया पर ट्रोल किए जाने के मामले पर राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने कड़ी आपत्ति जताई है।
हमले के बाद हिमांशी नरवाल ने देशवासियों से मुसलमानों और कश्मीरियों के प्रति नफरत न फैलाने की भावुक अपील की थी। इस अपील के बाद उन्हें सोशल मीडिया पर निशाना बनाया गया। महिला आयोग ने इस ट्रोलिंग को “निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण” बताया है।
आयोग ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट में कहा, “जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कई निर्दोष नागरिकों की जान गई। लेफ्टिनेंट विनय नरवाल को भी अन्य लोगों के साथ उनके धर्म के बारे में पूछने के बाद गोली मार दी गई। इस घटना से पूरा देश आहत और आक्रोशित है। लेकिन उनके निधन के बाद उनकी पत्नी हिमांशी नरवाल जिस तरह सोशल मीडिया पर एक बयान को लेकर निशाना बनाई जा रही हैं, वह अत्यंत निंदनीय है। किसी महिला को उसकी राय या निजी जीवन को लेकर ट्रोल करना बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है।”
आयोग ने यह भी कहा कि “किसी भी मुद्दे पर सहमति या असहमति को हमेशा शालीनता और संविधानिक सीमाओं के भीतर व्यक्त किया जाना चाहिए। राष्ट्रीय महिला आयोग प्रत्येक महिला की गरिमा और सम्मान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।”
महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने भी एक्स पर अलग से पोस्ट कर कहा, “कुछ लोगों को हिमांशी नरवाल की बातें पसंद नहीं आई होंगी, लेकिन उन्हें इस तरह ट्रोल करना और उनकी निजी जिंदगी पर टिप्पणी करना सही नहीं है।”
बताया गया है कि लेफ्टिनेंट विनय नरवाल और हिमांशी नरवाल हाल ही में शादी के बाद हनीमून के लिए कश्मीर गए थे, जहां यह भीषण आतंकी हमला हुआ और 26 अन्य लोगों के साथ विनय नरवाल की भी निर्मम हत्या कर दी गई।
सोशल मीडिया पर हिमांशी की वह तस्वीर वायरल हुई, जिसमें वे अपने पति के पार्थिव शरीर के पास बैठी थीं और उनके हाथों में अभी भी शादी का चूड़ा नजर आ रहा था। यह दृश्य पूरे देश को झकझोर देने वाला था।
इस हमले के बाद सोशल मीडिया पर आक्रोश तो दिखा, लेकिन कुछ लोगों ने कश्मीरियों और मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलानी शुरू कर दी। ऐसे में हिमांशी नरवाल ने अपनी पहली सार्वजनिक प्रतिक्रिया में देश से शांति बनाए रखने की अपील की।
उन्होंने कहा, “मैं चाहती हूं कि पूरा देश उनके (विनय) लिए प्रार्थना करे, कि वे जहां भी हों, उन्हें शांति मिले। बस यही मेरी विनती है। एक और बात कहना चाहती हूं—मैं देख रही हूं कि नफरत फैल रही है, मुसलमानों के खिलाफ, कश्मीरियों के खिलाफ। हम यह नहीं चाहते। हमें सिर्फ शांति चाहिए—बस और कुछ नहीं।”
हालांकि, इस भावुक अपील के बावजूद सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया गया। कुछ ने उनकी निजी जिंदगी पर आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं, तो कुछ ने यहां तक कह दिया कि उन्हें अपने पति की पेंशन नहीं मिलनी चाहिए।
वहीं दूसरी ओर, कई लोगों ने हिमांशी का समर्थन करते हुए ट्रोलिंग पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
महिला आयोग का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब शोक में डूबी महिलाओं और स्वतंत्र राय रखने वाली महिलाओं को ऑनलाइन ट्रोल किए जाने की घटनाओं पर देशभर में चिंता जताई जा रही है।
यह भी पढ़ें- भारतीय मुसलमानों को किया जा रहा दरकिनार..