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साबरमती जेल में पैसा बोलता है – 15 लाख खर्च करने पर मिलती हैं तमाम सुविधा ,गृह विभाग ने सौपी जाँच

| Updated: September 12, 2022 11:14 am

गुजरात Gujarat की सबसे सुरक्षित और बड़ी जेल मानी जाने वाली साबरमती जेल( Sabarmati Jail )पिछले कुछ सालों में भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है। यदि कैदी “सुविधा शुल्क” देने को तैयार है तो उसे तमाम सुविधा मिलती है ,लेकिन यह शुल्क लाखों में होता है , जिसकी कीमत कैदी की क्षमता के हिसाब से 2 लाख से 15 लाख तक होती है। जेल में गंभीर आरोप में बंद अज़हर किटली ने जुहापुरा के व्यापारी को फ़ोन करके फिरौती मांगने की शिकायत (Ransom demand complaint) वेजलपुर पुलिस स्टेशन (Vejalpur Police Station )में दर्ज हुयी है।

साबरमती जेल में (Sabarmati Jail ) जेलर की बजाय सेंटिंग बाजो का कानून चल रहे होने की चर्चा है। रसूकदार कैदियों को बेहतर बैरक से लेकर फ़ोन करने और अन्य सुविधा देने के लिए 2 लाख से 15 लाख तक का ” व्यव्हार ” करना पड़ता है। जबकि गरीब कैदियों से भेदभाव किया जाता है। पूरे मामले की शिकायत गृह विभाग तक पहुंचने पर गृह विभाग ने मामले की जांच शुरू कराई है।

साबरमती जेल( Sabarmati Jail )पिछले कुछ सालों से विवादों में रही है , फिर चाहे वह जेल के अंदर कैदियों द्वारा सुरंग खोदने का मामला हो या जेल से फ़ोन कर फिरौती मांगने का। सूत्रों के मुताबिक जेलर की बजाय ” क्रिश्चियन ” नामक शख्स जेल के प्रशासन पर हावी है , उसी के कहने पर गैर कानूनी प्रवृत्ति को अंजाम दिया जाता है। कैदी को किस तरह की सुविधा चाहिए इसके लिए भाव निर्धारित हैं। 2 – 15 लाख खर्च करने पर जेल में ” घर ” जैसी सुविधा उपलब्ध होती है। यदि जेल के सीसीटीवी फुटेज की जाँच की जाय तो हकीकत उजागर हो सकती है।

साबरमती जेल (Sabarmati Jail ) में हत्या के आरोप में कैद यशपाल जेल से ही अपने नेटवर्क को संचालित कर रहा है। अपने नेटवर्क को संचालित करने के लिए बार बार फ़ोन की जरुरत पूरी करने के लिए वह बड़ी राशि का भुगतान करता है ,इसी तरह प्रदीप डॉन की हत्या के आरोपी जिग्नेश सोनी द्वारा एक अधिकारी को जीप गिफ्ट करने की चर्चा है। सौराष्ट्र के जाडेजा उपनामधारी कैदी द्वारा भी जेल के लैंड लाइन नंबर से ही अपनी गैंग ऑपरेट करने के आरोप लग रहे हैं। जबकि एक दूसरे कैदी सोलंकी की डॉक्टर गर्लफ्रेंड मिलने के लिए जेल का उपयोग गार्डन जैसे करती हैं।


हाईप्रोफाइल कैदियों के जेल जाने पर पहले उन्हें तरह तरह से परेशां किया जाता है ,किसी को बाथरूम के बाहर दुर्गन्ध के बीच सोने को मजबूर किया जाता है ,तो किसी को कैदियों से परेशान कराया जाता है , बाद में परेशान होकर कैदी ” पैकेज ” लेने के लिए तैयार हो जाता है। आखिर गृह मंत्रालय (Home Ministry )के जाँच में हकीकत सामने आने की सम्भावना है।

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