नई दिल्ली: अमेरिका के न्यू जर्सी स्थित न्यूयॉर्क लिबर्टी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक भारतीय छात्र को हथकड़ी लगाकर जबरन जमीन पर गिराने और उसके हाथ-पैर बांधने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। बताया जा रहा है कि छात्र को उसी रात अमेरिका से डिपोर्ट कर दिया गया। वायरल वीडियो के सामने आने के बाद प्रवासी भारतीयों और सोशल मीडिया यूज़र्स में भारी आक्रोश है।
यह वीडियो एक भारतीय-अमेरिकी उद्यमी कुनाल जैन ने सबसे पहले शेयर किया, जो घटनास्थल पर मौजूद थे। उन्होंने बताया कि छात्र को अपराधी की तरह ट्रीट किया गया और यह दृश्य बेहद “दिल दहला देने वाला” था।
वीडियो में देखा जा सकता है कि कम से कम चार अधिकारी छात्र को जमीन पर दबोचे हुए हैं, जिनमें से दो ने उसकी पीठ पर घुटना रख रखा है। छात्र के हाथ और पैरों को रस्सियों से बांधा गया है।
कुनाल जैन ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “मैंने न्यूयॉर्क एयरपोर्ट पर एक युवा भारतीय छात्र को डिपोर्ट होते देखा—हथकड़ी में, रोते हुए, अपराधी की तरह व्यवहार किया गया। वह सपने लेकर आया था, कोई नुकसान करने नहीं। एक एनआरआई के तौर पर खुद को बेहद लाचार और टूटे हुए महसूस किया। यह एक मानवीय त्रासदी है।”
उन्होंने अमेरिकी भारतीय दूतावास से मामले की जांच और छात्र की सहायता करने की अपील की।
भारतीय दूतावास ने दी प्रतिक्रिया
वीडियो वायरल होने के एक दिन बाद न्यूयॉर्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने एक बयान जारी कर कहा कि वह इस मामले से अवगत है।
“हमें सोशल मीडिया पर जानकारी मिली है कि एक भारतीय नागरिक को न्यूयॉर्क लिबर्टी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। हम स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में हैं। दूतावास हमेशा भारतीय नागरिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।”
प्रत्यक्षदर्शी ने बताया पूरी घटना
NDTV से बातचीत में प्रत्यक्षदर्शी कुनाल जैन ने बताया कि उन्होंने ऐसा व्यवहार अब तक सिर्फ आतंकवादियों के साथ ही देखा है।
“करीब 50 लोग आसपास खड़े थे, लेकिन कोई कुछ बोल नहीं पाया। छात्र थोड़ा हिंसक और घबराया हुआ लग रहा था। अधिकारियों ने कहा कि वे उसकी भाषा नहीं समझ पा रहे थे—वह हरियाणवी बोल रहा था।”
उन्होंने कहा कि वह अधिकारियों की मदद करना चाहते थे ताकि छात्र की बात समझाई जा सके, लेकिन पुलिस ने उन्हें मना कर दिया।
जैन ने कहा, “जब किसी यात्री को विमान में सुरक्षा के लिहाज़ से ख़तरा माना जाता है, तो उसे यात्रा की अनुमति नहीं दी जाती। पायलट ने मना कर दिया। फिर अधिकारियों ने उसे दबोच लिया, हाथ-पैर बांध दिए और पूरी लाइन खाली कर दी। उस वक्त मैं खुद रो पड़ा।”
उन्होंने बताया कि छात्र बार-बार चिल्ला रहा था:
“मैं पागल नहीं हूं, ये मुझे पागल बना रहे हैं। मैं पागल नहीं हूं, ये मुझे पागल साबित कर रहे हैं।”
जैन के अनुसार, यह घटना पूरी तरह संवाद की कमी के कारण हुई। “वह अंग्रेज़ी समझता होगा, लेकिन उस वक्त तनाव में था। उसे सम्मानपूर्वक तरीके से डिपोर्ट किया जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया,” उन्होंने कहा।
ट्रंप काल की कड़वी यादें ताज़ा
यह घटना अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप सरकार के दौर की याद दिलाती है, जब बड़ी संख्या में भारतीयों को बुरी तरह से निर्वासित किया गया था। फरवरी में 100 से अधिक भारतीयों को अमेरिका से भारत भेजा गया था, जिनके हाथ-पैर में बेड़ियां डाली गई थीं। वीडियो में देखा गया था कि उन्हें अपराधियों की तरह झुकाकर चलाया जा रहा है।
उस समय विपक्ष ने केंद्र सरकार से सवाल पूछा था कि क्यों वह अपने नागरिकों को सम्मानजनक तरीके से वापस लाने के लिए विमान की व्यवस्था नहीं कर सकी।
अब इस ताज़ा घटना ने एक बार फिर वही सवाल खड़े कर दिए हैं—भारतीय छात्रों और अप्रवासियों के साथ विदेशों में कैसा व्यवहार होता है, और भारत सरकार ऐसे मामलों में कितनी संवेदनशीलता से कार्रवाई करती है?
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