'पट्टचित्र' देश की धरोहर समान चित्रकला - Vibes Of India

Gujarat News, Gujarati News, Latest Gujarati News, Gujarat Breaking News, Gujarat Samachar.

Latest Gujarati News, Breaking News in Gujarati, Gujarat Samachar, ગુજરાતી સમાચાર, Gujarati News Live, Gujarati News Channel, Gujarati News Today, National Gujarati News, International Gujarati News, Sports Gujarati News, Exclusive Gujarati News, Coronavirus Gujarati News, Entertainment Gujarati News, Business Gujarati News, Technology Gujarati News, Automobile Gujarati News, Elections 2022 Gujarati News, Viral Social News in Gujarati, Indian Politics News in Gujarati, Gujarati News Headlines, World News In Gujarati, Cricket News In Gujarati

‘पट्टचित्र’ देश की धरोहर समान चित्रकला

| Updated: July 23, 2022 21:33

अहमदबाद की आर्ट गैलरी 079| Stories में पट्टचित्र की एक वर्कशॉप का आयोजन हुआ, इस वर्कशॉप का मुख्य हेतु लोगों तक पट्टचित्र की कला को पहुंचाना था, बंगाल के विख्यात पट्टचित्र कलाकार रहीम चित्रकार अपने गाँव से अहमदबाद इस अनोखी वर्कशॉप के लिए आये और लोगो को अपनी चित्रकला से अपना परिचय दिया, देश भर में भ्रमण कर चुके रहीम चित्रकार अपनी पट्टचित्र कला के लिए मशहूर हैं, ये कला उन्हें विरासत में उनके पिताजी द्वारा मिली है.

इस वर्क्शाप में अहमदाबाद के कला रसिकों ने हिस्सा लिया 079| Stories आर्ट गैलरी के प्रांगण में इस वर्क्शाप को आयोजित किया गया, पौराणिक गीत गाते हुए पट्टचित्र की महिमा रहीम चित्रकार द्वारा समझाई गई, इस वर्क्शाप की एक खास बात ये भी थी इस वर्क्शाप में बड़ी उम्र के लोगों के साथ साथ बच्चों ने भी हिस्सा लिया और अपने द्वारा बनाए गए पट्टचित्र अपने साथ एक समूर्ति चिन्ह की तरह घर लेकर गए ।

इस वर्क्शाप की कुछ झलकियां चित्रों के माध्यम से-

पट्टचित्र का परिचय-

इंटरनेट आपको पट्टचित्र की परिभाषा समझते हुए कहेगा की पट्टचित्र शब्द का उपयोग आमतौर पर पारंपरिक कपड़ा-आधारित स्क्रॉल पेंटिंग के लिए किया जाता है ,लेकिन पट्टचित्र इस व्याख्या से कई ज्यादा है, एक ऐसी कला जो संगीत और रंग के साथ साथ चित्रकला का एक अनूठा संगम है, इस चित्रकला का वैष्णव संप्रदाय से भी एक गहरा नाता है आख्यानों पर आधारित एवं पौराणिक कथाओं पर आधारित इस कला का बंगाल एवं ओड़िसा में चलन देखा जाता है, दुर्गा पूजा से लेकर जगन्नाथ मंदिर, रामायण से लेकर कृष्ण लीला तक का अनोखा समन्वय इस कला में देखने को मिलता है, इस कला को कठिन विवरण और उसमें रचित पौराणिक आख्यानों और लोककथाओं के लिए जाना जाता है,पट्टचित्र में उपयोग किए जाने वाले रंग कृत्रिम नहीं होते ये रंग प्राकृतिक होते हैं और कलाकार इन रंगो को खुद बनाते हैं, ये कला एक विरासत की तरह भी मानी जाती है क्यूंकि इस कला में चित्र पुराने पारंपरिक तरीके से चित्रकार द्वारा बनाए जाते हैं।

रहीम चित्रकार द्वारा रचित पट्टचित्र

पट्टचित्र और गीत-

पट्टचित्र पौराणिक कथाओं पर आधारित एक कला है और इस कला के साथ गीतों का भी चलन है, पट्टचित्र बनाने वाले चित्रकार इन चित्रों को बनाते वक़्त कथाओं का गीतों में अनुसरण कर गीत गाते हैं, ये गीत कथाओ पर आधारित होते हैं, पट्टचित्र का व्यवसाय करने वाले भी चित्रों को बेंचते वक़्त गीत गाकर उन्हें अपने ग्राहकों तक पहुंचाते हैं.

इस वर्क्शाप के दौरान रहीम चित्रकार ने वाइब्ज़ ऑफ इंडिया के दर्शकों के लिए एक गीत गाकर अपनी कला का परिचय करवाया, ये गीत आप नीचे मौजूद वीडियो में देख सकते हैं।

Your email address will not be published. Required fields are marked *

%d