भावनगर महाराज कृष्णकुमार सिंहजी से सीखें शासक ,कैसे दूर होता है सांप्रदायिक तनाव

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भावनगर महाराज कृष्णकुमार सिंहजी से सीखें शासक ,कैसे दूर होता है सांप्रदायिक तनाव

| Updated: April 19, 2022 19:53

रामनवमी में अचानक भड़की हिंसा के मूल में मामूली घटनाये है , जिनको आसानी से टाला जा सकता था , लेकिन अफ़सोस शासक सफल नहीं हो सके।सांप्रदायिक तनाव को कैसे टाला जा सकता है , यह भावनगर महाराज कृष्णकुमार सिंहजी से शासक सीखे तो ज्यादा बेहतर हो सकता है।

रामनवमी में अचानक भड़की हिंसा के मूल में मामूली घटनाये है , जिनको आसानी से टाला जा सकता था , लेकिन अफ़सोस शासक सफल नहीं हो सके।सांप्रदायिक तनाव को कैसे टाला जा सकता है , यह भावनगर महाराज कृष्णकुमार सिंहजी से शासक सीखे तो ज्यादा बेहतर हो सकता है।

साम्प्रदायिकता की आग से झुलस रहे इस नाजुक समय में अगर हमारे शासक अतीत से बोधपाठ लें तो ना केवल साम्प्रदायिकता की चपेट में आने से होने वाले जान मॉल के नुकसान को बचाया जा सकता है बल्कि नफरत की दिवार की जगह मोहब्बत और भाईचारे की गंगा जमुनी लहरे हिलोरे मारे , जो इस मुल्क का मूल है ,

भावनगर महाराज कृष्णकुमार सिंह जी ने ऐसे टाला था सांप्रदायिक तनाव

शेहर जुम्मा मस्जिद के द्वार के सामने महज 20 फुट की दुरी पर नरेश्वर महादेव मंदिर

भावनगर में आंबा चौक (पुराना नाम शायद अंबाचौक है) में शेहर जुम्मा मस्जिद के द्वार के सामने महज 20 फुट की दुरी पर नरेश्वर महादेव मंदिर स्थित है। मंदिर और मस्जिद दोनों वर्षो पुराने हैं और दोनों की मान्यता भी गजब की है।
रजवाड़ा के दौरान भावनगर राज दरबार में कृष्णकुमार सिंह जी के दरबार में हिंदूओ की ओर से शिकायत की गई कि शाम को आरती के समय मुसलमान मस्जिद में अजान देते हैं।
भावनगर के राजा प्रजा वात्सल्य ने कहा कि ऐसा है ?? यह बिल्कुल नहीं चलेगा । कल शाम की आरती में खुद आऊंगा। हिन्दुओ को लगा अब जब “महाराज ” ही आएंगे तो अजान बंद करवा देंगे।
अगली शाम मंदिर में खुश होकर हिन्दू समाज के लोग अपने महाराज की प्रतीक्षा कर रहे थे। और मग़रिब के निर्धारित समय मस्जिद से अजान हुयी ,
जब महाराज साहब आये तब मुस्लिम नमाज अता कर बाहर निकल रहे रहे थे। महाराज साहब मंदिर गए और हुन्दुओं को कहा करो आरती ,मै देखता हु , कैसे अजान होती है , तो हिन्दुओ ने कहा महाराज अजान हो चुकी है , अब तो नमाज अता कर मुस्लिम भी चले गए

राजा साहब ने कहा कि उन लोगों का समय निश्चित होता है। मैंने देखा आप मेरा इंतजार करते हुए आरतीमें विलम्ब किया ,इसलिए अजान खत्म होने के बाद ही आरती करें ताकि किसी को परेशानी न हो।
कहा जाता है कि तब से अजान के बाद ही आरती की जाती है। और वह परम्परा आज भी चल रही है।

भावनगर के राजकुमार सर कृष्णकुमार सिंहजी

महज एक रुपया के वेतन में बने थे मद्रास के गवर्नर

भावनगर के राजकुमार सर कृष्णकुमार सिंहजी थे। उन्होंने भावनगर राज्य को सरदार पटेल (देश में पहला) को सौंप दिया। तत्कालीन केंद्र सरकार ने उनसे मद्रास राज्य के तत्कालीन राज्यपाल की जिम्मेदारी संभालने का अनुरोध किया था। मात्र एक रुपये प्रतिमाह वेतन लेने पर उन्होंने यह जिम्मेदारी स्वीकार की।

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