भुज, गुजरात — पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत की सैन्य कार्रवाई ऑपरेशन सिन्दूर की याद में गुजरात सरकार ‘सिन्दूर वन’ नामक एक स्मारक पार्क विकसित कर रही है। यह पहल भारतीय रक्षा बलों को सम्मान देने के साथ-साथ उस राष्ट्रीय एकता को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से की जा रही है, जो इस अभियान के दौरान सामने आई थी।
यह स्मारक कच्छ जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास बनाया जा रहा है — वही क्षेत्र जहां ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान सबसे अधिक हमले झेले गए थे। अधिकारियों के अनुसार, परियोजना का प्रारंभिक कार्य शुरू हो चुका है और यह अगले 18 महीनों में पूर्ण होने की संभावना है।
कच्छ के जिलाधिकारी आनंद पटेल ने बताया, “ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान समाज, सेना, वायुसेना, बीएसएफ और अन्य बलों द्वारा प्रदर्शित एकता की स्मृति में, वन विभाग द्वारा ‘सिन्दूर वन’ स्मारक पार्क की योजना बनाई जा रही है।”
यह स्मारक पार्क भुज-माण्डवी रोड स्थित मिर्जापार गांव में वन विभाग की 8 हेक्टेयर भूमि पर बनाया जाएगा। यही वह स्थान है जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऑपरेशन सिन्दूर के बाद गुजरात में अपनी पहली सार्वजनिक सभा की थी।
प्रधानमंत्री को 26 मई को आयोजित सभा में मधापार की महिलाओं ने एक सिन्दूर पौधा भेंट किया था — ये वही महिलाएं हैं जिन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान भुज एयरबेस की रनवे को 72 घंटे में मरम्मत कर चालू किया था। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि वे इस पौधे को प्रधानमंत्री आवास ले जाएंगे, जहां यह एक “वटवृक्ष” के रूप में विकसित होगा।
बलिदान और एकता की जीवित स्मृति
सिन्दूर वन में एक विशेष खंड 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों की स्मृति में भी समर्पित होगा। इस हमले में मारे गए 26 लोगों में से 3 गुजरात से थे।
कच्छ परिक्षेत्र के मुख्य वन संरक्षक संदीप कुमार के अनुसार, यह स्मारक पार्क ऑपरेशन सिन्दूर की थीम पर आधारित होगा, जिसमें घने वृक्षारोपण के साथ-साथ बीएसएफ, थलसेना, वायुसेना और नौसेना को समर्पित विभिन्न खंडों में म्यूरल्स (चित्रित दीवारें) और पौधे लगाए जाएंगे।
कुमार ने बताया, “स्थानीय पर्यावरण और मिट्टी के अनुसार लगभग 35 प्रजातियों के पौधों की पहचान की गई है। इनमें सिन्दूर पौधे को प्रमुखता दी जाएगी। हम प्रति हेक्टेयर 10,000 पौधे लगाने की योजना बना रहे हैं, जो भुज क्षेत्र के सबसे घने वनों में से एक होगा।”
सिन्दूर वन में आने वाले दर्शकों को ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान उपयोग किए गए सैन्य उपकरणों और विमानों की झांकी भी देखने को मिलेगी।
ऑपरेशन सिन्दूर: सीमापार हमलों का त्वरित और सटीक जवाब
बीएसएफ गुजरात फ्रंटियर के महानिरीक्षक अभिषेक पाठक के अनुसार, ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान 600 से अधिक मिसाइलों और ड्रोन हमलों को भारतीय सुरक्षा बलों ने गुजरात के भुज सेक्टर और राजस्थान के बाड़मेर सेक्टर में नाकाम किया।
पाठक ने हाल ही में हुई एक ब्रीफिंग में बताया, “इनमें से लगभग 40 प्रतिशत हमले गुजरात में हुए, जबकि शेष राजस्थान के बाड़मेर सेक्टर में थे।”
सिन्दूर वन के निर्माण के माध्यम से गुजरात सरकार न केवल ऑपरेशन सिन्दूर की स्मृति को संरक्षित करना चाहती है, बल्कि इसे एक हरित, जीवंत श्रद्धांजलि के रूप में विकसित कर राष्ट्रीय गर्व और एकता का प्रतीक बनाना चाहती है।
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